शोभायात्रा में देश भर से आये सैकड़ो कलाकारो के कार्यक्रमों से जन्मोत्सव का आंनद हजारो गुणा बढ़ा
मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर गुरुवार 7 सितं को प्रातः 8.30 बजे श्री कृष्ण जन्म स्थान के समीप पोतरा कुंड से भव्य शोभायात्रा निकाली गई।
शोभायात्रा में लगभग दो दर्जन विभिन्न सांस्कृतिक दल अपनी प्रस्तुति देते हुए चल रहे थे । मुख्यमंत्री के प्रतिनधि के तौर पर प्रदेश के पर्यटन संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह शामिल रहे। सरकारी स्तर पर ये शोभायात्रा पहली बार निकाली गई है।
मार्ग में गोविंद नगर व महाविद्या कॉलोनी व आसपास के लोगों ने पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा में सम्मिलित कलाकार व अन्य गणमान्य लोगों का फूल वर्षा कर स्वागत किया। कलाकार मंचन करते हुए जैसे-जैसे आगे बढ़े तो स्थानीय व बाहर से आये भक्तों ने श्रीकृष्ण के जन्म की आपस में शुभकामनाएं दीं। बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों ने भी शोभायात्रा में भाग लिया।
शोभायात्रा का शुभारंभ उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह गन्ना एवं चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण एवं उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र आदि ने नगाड़े पर उद्घोष के साथ किया।
इस मौके पर नवागत जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह, उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ नगेंद्र प्रताप, डिप्टी सीईओ जेपी पांडेय, जिला पर्यटन अधिकारी डी के शर्मा अपर नगर आयुक्त क्रांति शेखर सिंह विधायक राजेश चौधरी पूरन प्रकाश जिला पंचायत अध्यक्ष किशन सिंह सिविल डिफेंस के पदाधिकारी राजीव अग्रवाल ब्रजवासी, मिठाई विक्रेता एसो. के योगेश यादव होटल एसो. मथुरा के आर वी चौधरी रामलीला सभा के अध्यक्ष जयंती प्रसाद सोहनलाल कातिब, मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण के सचिव राजेश कुमार सिंह एवं सदस्य नवीन मित्तल भाजपा नेता मुकेश खंडेलवाल विहिप अध्यक्ष अमित जैन समेत अनेक गणमान्य शोभायात्रा में उपस्थित थे।
शोभा यात्रा में लगभग दो दर्जन अलग-अलग मंडलियों के 400 कलाकार सम्मिलित हुए।
यह शोभायात्रा पोतरा कुंड से गोविंद नगर, महाविद्या कॉलोनी, गोविंद नगर थाने के सामने, होटल शीतल रीजेंसी, डीग गेट से होते हुए श्री कृष्ण जन्म स्थान के गेट नंबर 1 तक पहुंची जहां उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ नगेंद्र प्रताप ने नगाड़ा बजाकर शोभायात्रा को विराम दिया।
शोभायात्रा में सबसे आकर्षण का केंद्र मान मंदिर बरसाना से आई सखियां थीं। कीर्तन मंडली में लगभग 400 की संख्या में कलाकार थे।