मथुरा। कन्हैया ने मुख में ब्रह्माण्ड के यशोदा मईया को दर्शन करा कर आत्म ज्ञान का बोथ कराया जिससे मईया घबरा गई और बोली लाला तेरे इस स्वरूप को देख कर में अपने मां के प्रेम से वंचित हो जाऊंगी। जो सुख मुझे मां के रूप में मिल रहा है वो इस भगवान् के स्वरूप में नहीं मिलेगा। जब तक भगवान् श्री कृष्ण की बाल लीलाएं श्री मद भगवद कथा में सुन नहीं लेते तब तक कथा का सुख नहीं मिलता। श्री मद भगवद कथा के दौरान व्यास महाराज ने अनेक बाल लीलाओं के प्रसंग सुनाए जिन्हें सुनकर श्रोताओं की आंखो से अश्रु बहने लगे। उन्होंने कहा कि भगवान को भोलापन और निश्छल प्रेम बहुत पसंद हे उन्होंने कहा कि कन्हैया ने यशोदा मईया के प्रेम के वशीभूत होकर ही खुद को उखल से बंधवा किया ।
पूर्व मंत्री श्याम सुंदर शर्मा के आवास पर हो रही श्री मद भगवद कथा के दौरान व्यास प्रदीप शास्त्री ये उदगार व्यक्त किए गए। उन्होंने कहा कि उखल से बांधने के दौरान कन्हैया की पीठ पर रस्सी के निशान पड़ गए जिन्हें देख कर मईया विचलित हो गई और माखन लगा कर लाला को गले लगा लिया। वृन्दावन की नित्य प्रति होने वाली रास लीलाओं का उन्होंने वर्णन किया। उन्होंने वृन्दावन में भक्ति के निवास करने का भी वर्णन किया। उन्होंने कहा ब्रज वासियों के द्वार द्वार पर हरिद्वार जैसा पुण्य है राधा रानी के ब्रज में पड़े पग पग पर प्रयागराज जैसा पुण्य मिलता है। उन्होंने कहा ब्रज वासियों में तो आज भी कहा निवास करते है। उन्होंने कहा कि ब्रज में रज में नित्य प्रयागराज दंडवत कर के जनता के पापों को समाप्त करने की शक्ति लेने आते है।
कथा के दौरान पूर्व मंत्री श्याम सुंदर शर्मा पूर्व विधायक हुकुम चंद तिवारी जिला सहकारी संघ के पूर्व अध्यक्ष कृष्ण कुमार शर्मा नन्द कुमार तिवारी कमल कांत उपमन्यु एडवोकेट अरविंद शर्मा ख़ेम चंद सारस्वत प्रधान आदि उपस्थित रहे।