मथुरा। जनपद में आज महर्षि वाल्मीकि जयंती हर्षोल्लास के साथ सादगी पूर्ण वातावरण में मनाई गई। महानगर में जहां जयंती पर शोभायात्रा निकाली गई तो वहीं अलग-अलग संगठनो ने उनका भावपूर्ण स्मरण भी किया। कलेक्ट्रेट स्थित जिला मुख्यालय पर
जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर स्वच्छता वाटिका में महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पार्चन कर श्रद्धापूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि महर्षि वाल्मीकि संस्कृत रामायण के प्रथम रचयिता हैं जो आदिकवि के रूप में प्रसिद्ध हैं। उन्होंने रामायण की रचना की। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रची रामायण वाल्मीकि रामायण कहलाई जाती है रामायण एक महाकाव्य है जो कि राजा राम के जीवन के सत्य व कर्तव्य से परिचित करवाता है। हम सबको उनके जीवन चरित्र से प्रेरणा लेते हुए समाज सेवा के कार्य में अग्रणी रहना चाहिए। तहसील महावन ग्राम हबीबपुर के श्री कमल शास्त्री द्वारा महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण का अखंड पाठ किया गया। कलेक्ट्रेट के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने रामायण अखंड पाठ को सुना।
जिलाधिकारी ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि जी एक महान कवि और ऋषि थे जिन्होंने संस्कृत साहित्य के पहले महाकाव्य रामायण की रचना की। सत्य, धर्म, अहिंसा आदि महर्षि वाल्मीकि जी के उपदेश थे।
इस दौरान अपर जिलाधिकारी (वि/रा) पंकज वर्मा, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) डा अमरेश कुमार, अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) राजेश यादव ,नगर मजिस्ट्रेट राकेश कुमार, अपर नगर मजिस्ट्रेट वृन्दावन राजकुमार चौधरी, डिप्टी कलेक्टर ऊषा सिंह, डिप्टी कलेक्टर नरेंद्र यादव, सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन धीरेन्द्र प्रताप सिंह, नाज़िर डी.के. बागला, प्रभात माहेश्वरी सहित कलेक्ट्रेट के अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
















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