मथुरा। कोरोना महामारी काल के दूसरे चरण में हालत बहुत ही बदतर हो चले हैं लोगों को उपचार नहीं मिल रहा सरकार के कदमों की ओर सभी की नजरें लगी रहती है परंतु अपनी तरफ कोई नहीं देखना चाहता। सामने वाला मर जाए बस कैसे भी हम जिंदा रहे खुशहाल रहे हैं। शर्मनाक स्थिति यह हो गई है कि लोग अस्पताल, श्मशान घाट पर परिजनों के शव लावारिस अवस्था में छोड़ कर भाग जाते हैं जिनका अंतिम संस्कार चंद समाजसेवी और सफाई मित्र द्वारा किया जाता है। घरों के अंदर लोगों की लाश पड़ी होने की सूचना पर यूपी पुलिस ने अपने कंधों पर ले जाकर उनका अंतिम संस्कार कर मानवता की कई बार मिसाल पेश की है। गोवर्धन और वृंदावन में भी गृह स्वामी के मरने पर अंतिम संस्कार के लिए कोई नहीं आया तो क्षेत्रीय पुलिस ने ही उनको अपने कंधों पर ले जाकर सद्गति प्रदान की। पुलिस को बात बात पर कोसने वाले लोगों के मुंह से तारीफ के 2 शब्द भी नहीं निकले।
करीब 1 माह से चल रहे विवाह समारोह में स्वार्थी लोग जश्न मना रहे हैं उनको इतनी भी शर्म नहीं है कि होटल धर्मशाला गेस्ट हाउस मैरिज होम में ही अपने कार्यक्रम सम्पन्न कर ले। धड़ल्ले से सड़कों पर खुलकर आतिशबाजी जला रहे हैं जोर जोर से डीजे बजा रहे हैं। सरकार दुवारा निर्धारित संख्या से कई गुना लोग शादी विवाह समारोह में शामिल हो रहे है। शासन प्रशासन ने भी सोच लिया खुद मौत के मुँह में जा रहे हो तो खूब जाओ।
पड़ौस में घर के अंदर लाश पड़ी है उनको कोई परवाह नहीं है। संवेदना पूरी तरह खत्म हो चुकी है। ध्रुव घाट स्थित कोविड श्मशान घाट पर 2 दिन पूर्व छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश निवासी एक व्यक्ति अपने भाई का शव छोड़ कर भाग गया। मृतक सेवानिवृत्त अधिकारी था काफी इन्तजार के बाद सफाई कर्मियों ने ही उसका अंतिम संस्कार किया। इतने बुरे हाल देखने के बाद भी समाज में चंद बेपरवाह लालची स्वार्थी लोगों की कोई कमी नहीं है। आपदा को सुनहरा अवसर बदलने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। प्रभु सब देख रहे है। वक़्त रहते नहीं संभले तो नर्क दर्शन यही होने हे।