लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस ने कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में एक बड़ा फैसला लिया है जो मरीजों को थोड़ी राहत दे सकता है। उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक, कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने सभी जिला कप्तानों को निर्देश दिए हैं कि कोरोना काल में कालाबाजारी के दौरान पुलिस कार्यवाही में बरामद किए गए रेमडेसिविर इंजेक्शन पल्स ऑक्सीमीटर व अन्य जीवन रक्षक दवाइयों और ऑक्सीजन गैस सिलेंडर को जरूरतमंदों तक पहुंचाया जाए। एडीजी के निर्देश के अनुसार जिला पुलिस कोर्ट से आदेश लेकर जिला प्रशासन के समन्वय के साथ जरूरतमंदों को या सरकारी अस्पतालों और संस्थानों तक इन्हें पहुंचाए ताकि इन जीवन रक्षक दवाइयों उपकरणों का सही समय पर उपयोग किया जा सके।
एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब तक 839 रेमडेविर इंजेक्शन, 240 PIP T 4.5 GM इंजेक्शन, 3 वॉयल्स ऑक्टेमरा इंजेक्शन, 1125 ऑक्सीजन सिलेंडर, 531 ऑक्सीमीटर बरामद किए गए हैं. ये सभी कोरोना के इलाज में इस्तेमाल की जाती हैं लिहाजा कई शहरों में आपराधिक तत्वों ने इन वस्तुओं की कालाबाजारी करने की तैयारी की थी, जिस पर अलग-अलग जिलों में प्रभावी कार्यवाही की गई है।
उन्होंने बताया कि अब तक की गई कार्यवाही में पूरे यूपी में 110 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है। अकेले राजधानी लखनऊ में ही मंगलवार को 10 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, जिनसे 217 ऑक्सीजन सिलेंडर बरामद हुए हैं। कल राजधानी लखनऊ के जानकीपुरम 127, गुडंबा में 87, नाका में 5, गोमती नगर विस्तार में 18, ठाकुरगंज में 4, अलीगंज में एक और कृष्णा नगर में 54 सिलेंडर बरामद किए गए हैं. आरोपियों के 3 वाहन भी जब किए गए हैं।
एडीजी एलओ प्रशांत कुमार के मुताबिक सभी जिला कप्तानों को निर्देश दिए हैं कि कोरोना में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों और उपकरणों की कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए और इस कार्रवाई में बरामद माल को कोर्ट से आदेश लेकर इस्तेमाल में लाया जाए।