मथुरा। कान्हा की नगरी में लोकसभा चुनाव का रण इस बार रोचक होगा। लगातार दो बार की सांसद और भाजपा प्रत्याशी फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी को चुनावी मुकाबले में घेरने के लिए बसपा और कांग्रेस ने भी जाट कार्ड खेला है। कांग्रेस से अंतराष्ट्रीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह प्रत्याशी होंगे, तो बसपा ने पूर्व आइआरएस अधिकारी सुरेश सिंह पर दांव लगाया है। दो-दो सेलिब्रिटी के मैदान में आने से चुनावी मुकाबला काफी रोचक होगा। जनपद का लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक साढ़े चार लाख जाट वोट है। ऐसे में हर राजनीतिक दल की नजर जाट वोट बैंक पर टिकी है। दो बार से भाजपा की हेमा मालिनी चुनाव जीत रही हैं। इस बार भाजपा को रालोद का साथ भी मिल गया है। ऐसे में भाजपा राजनीतिक रूप से मजबूत मानी जा रही है। 2009 के बाद जिले में राजनीतिक पराभव झेल रही कांग्रेस ने हेमा को घेरने के लिए सेलिब्रिटी विजेंदर सिंह पर दांव लगाया है। ओलंपिक पदक विजेता विजेंदर सिंह भी कान्हा की नगरी से चुनाव लड़ना चाहते हैं।
उधर, बसपा ने सात दिन में ही अपना प्रत्याशी बदलकर पूर्व आइआरएस अधिकारी सुरेश सिंह को प्रत्याशी बनाया है। 62 वर्षीय सुरेश सिंह भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी रहे हैं वह प्रवर्तन निदेशालय में सहायक निदेशक रहे और कुछ दिन सीबीआइ में भी तैनात रहे। वर्ष 2004 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले सुरेश सिंह की पृष्ठभूमि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की रही और संघ में भी उनकी काफी मजबूत पकड़ रही। विहिप के भी वह पदाधिकारी रहे। वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव में भाजपा से टिकट उनकी ऐनवक्त कटी थी। वर्ष 2019 में भी वह भाजपा से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने हेमा को प्रत्याशी बना दिया। ऐसे में सुरेश सिंह ने बसपा की सदस्यता ले ली। करीब बीस वर्ष से सौंख क्षेत्र में अपने पिता के नाम से बाबा कढेरा सिंह विद्या मंदिर का संचालन करने वाले सुरेश सिंह की प्रत्याशी बनने के लिये मुहर लग गई। इससे पहले 23 मार्च को बसपा ने वरिष्ठ पत्रकार कमलकांत उपमन्यु को प्रत्याशी बनाया था। उन्होंने अपना प्रचार भी शुरू कर दिया और एक अप्रैल को वह नामांकन पत्र दाखिल करने वाले थे। जाट बाहुल्य खूंटैलपट्टी में सुरेश सिंह की मजबूत पकड़ मानी जाती है। बसपा जिलाध्यक्ष गोवर्धन सिंह ने बताया कि सुरेश सिंह को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है। इस बार तीन जाट प्रत्याशियों के एक साथ मैदान में आने से चुनावी मुकाबला काफी रोचक होगा।