गाजीपुर । माफिया मुख्तार अंसारी अब इस दुनिया में नहीं हैं। गुरुवार को बांदा मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मुख्तार अंसारी की मौत हो गई। मुख्तार की मौत के बाद भाजपा के दिवंगत विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय और बेटे पीयूष राय ने काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचकर बाबा के दर्शन किए। बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने आई कृष्णनंद राय की पत्नी अलका राय ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए बेहद खास है। बाबा विश्वनाथ पर पूरा भरोसा था आज बाबा की वजह से न्याय मिला है। कोर्ट से हम लोग हार गए थे। पीएम मोदी और सीएम योगी की देन है जो मुझे और मेरे परिवार को न्याय मिला है।
मुख्तार की मौत पर उनके परिवार और विपक्षी पार्टियों द्वारा सरकार पर साजिश के आरोप लगाने के सवाल पर अलका राय ने कहा कि ये बिल्कुल गलत बात है। विपक्षी पार्टियों को तुष्टिकरण की राजनीति करना है। उनको विरोध करने के लिए कोई न कोई मुद्दा चाहिए वो एक अपराधी में अपना मजहब ढूंढ रहे हैं। मेरा यह मानना है रमजान के इस महीने में ये फैसला आया है, इसे अल्लाह का न्याय कहिए या बाबा का न्याय…।
वहीं, कृष्णानंद के बेटे पीयूष ने कहा कि आज का दिन उनके लिए खुशी का है और होली-दिवाली से कम नहीं है। पीयूष राय ने कहा कि मुझे पता चला है कि बांदा जेल में मुख्तार की मृत्यु हो चुकी है। इस समय मैं बाबा विश्वनाथ और गोरखनाथ भगवान का बहुत शुक्रिया कहूंगा। उनका बहुत आशीर्वाद है हम लोगों पर… मैं बस इतनी सी बात कहूंगा कि कर्म के दायरे से उतरोगे, तो उसकी सजा तुम्हें तड़पने तक नहीं छोड़ेगी। हमें ये आज देखने को मिला है। इसका फैसला भगवान ने किया है। जो जैसा करता है, उसका फल उसे मिलता है। दरअसल मुख्तार पर कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप लगा था।
500 राउंड गोली चलाकर की गई थी सात लोगों की हत्या
आपको बता दें कि साल 2002 के विधानसभा चुनाव में भाजपा नेता कृष्णानंद राय ने मोहम्मदाबाद से अफजाल अंसारी को शिकस्त दी थी। 2004 में अफजाल अंसारी ने गाजीपुर से लोकसभा चुनाव जीता था। इसके बाद 29 जनवरी 2005 को विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों पर एके-47 से 500 राउंड गोली चलाकर बसनिया चट्टी के पास नृशंस तरीके से हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड में मारे गए सात लोगों के शव से 67 गोलियां बरामद की गई थी।
सीबीआई कोर्ट ने किया था बरी
हाईकोर्ट के आदेश पर मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। पूर्व विधायक दिवंगत कृष्णानंद राय की पत्नी अलका याचिका पर मामला दिल्ली ट्रांसफर किया गया था, लेकिन सबूतों के अभाव में 3 जुलाई 2019 को दिल्ली की सीबीआई कोर्ट ने मुख्तार अंसारी, अफजाल अंसारी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।
गैंगस्टर के मामले में हुई थी सजा
गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने कृष्णानंद राय हत्याकांड के बाद दर्ज हुए गैंगस्टर एक्ट में अप्रैल 2023 में माफिया मुख्तार अंसारी को 10 साल और उसके सांसद भाई अफजाल अंसारी को चार साल की सजा सुनाई गई थी। गौरतलब है कि माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश, पंजाब और दिल्ली के अलग-अलग जिलों में 65 मुकदमे दर्ज थे। इनमें से सर्वाधिक 25 मुकदमे गाजीपुर जिले में दर्ज थे। 65 मुकदमों में 15 मुकदमे हत्या के आरोप से संबंधित थे। मुख्तार को आठ मामलों में अदालत से सजा सुनाई जा चुकी थी। वहीं, 21 मुकदमों का अलग-अलग अदालतों में ट्रायल चल रहा था।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय तीन अगस्त 1991 को लहुराबीर स्थित अपने घर के बाहर खड़े थे। उसी दौरान बगैर नंबर की मारुती वैन से आए बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर अवधेश राय की हत्या कर दी थी। घटनास्थल से चेतगंज थाना लगभग 100 मीटर की दूरी पर था। अजय राय ने बदमाशों का पीछा भी किया था, लेकिन उन्हें पकड़ पाने में वह असफल रहे थे। यह ऐसा पहला मामला था जिसमें मुख्तार अंसारी को 5 जून 2023 को वाराणसी की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
नंद किशोर रुंगटा का क्या हुआ, किसी को नहीं पता
विहिप के तत्कालीन कोषाध्यक्ष और कोयला कारोबारी नंद किशोर रुंगटा का अपहरण बनारस स्थित उनके ऑफिस से 22 जनवरी 1997 को किया गया था। मुख्तार अंसारी गिरोह को सवा करोड़ रुपये की फिरौती दी गई थी। इसके बाद भी आज तक नंद किशोर रुंगटा का पता नहीं लग पाया। उनके परिजन घटना के 27 वर्ष बाद भी कुछ नहीं बोलते हैं। पुलिस और सीबीआई से पैरवी न करने के लिए मुख्तार अंसारी ने उनके भाई महावीर प्रसाद रुंगटा को धमकी दी थी। इस मामले में मुख्तार अंसारी को वाराणसी की अदालत ने 15 दिसंबर 2023 को पांच साल छह माह की सजा और 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया था।
हार्ट अटैक से माफिया मुख्तार अंसारी की मौत
करीब ढाई साल से बांदा जेल में बंद पूरब के माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात हार्ट अटैक (कार्डिया अरेस्ट) से मौत हो गई। मुख्तार को मौत से करीब तीन घंटे पहले ही इलाज के लिए मंडलीय कारागार से मेडिकल कॉलेज लाया गया था। जहां नौ डॉक्टरों की टीम उसके इलाज में जुटी थी। रात करीब साढ़े दस प्रशासन ने मुख्तार की मौत की सूचना सार्वजनिक की। तब तक मुख्तार के परिवार का कोई सदस्य मेडिकल कॉलेज नहीं पहुंचा था।
गुरुवार शाम करीब साढ़े छह बजे मुख्तार की जेल में तबीयत बिगड़ी थी। इसके बाद प्रशासन के अधिकारी मौतके पर पहुंचे और करीब साढ़े आठ बजे के आसपास उसे मेडिकल कॉलेज लाया गया था। जहां दो घंटे तक उसका इलाज चला। उसे आईसीयू से सीसीयू में शिफ्ट किया गया। जहां रात साढ़े दस बजे के आसपास उसकी मौत हो गई।
तीन दिनों से बीमार चल रहे जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की तबीयत बृहस्पतिवार रात अचानक फिर बिगड़ गई। सूचना मिलते ही जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल, एसपी अंकुर अग्रवाल कई थानों की पुलिस फोर्स के साथ मंडलीय कारागार पहुंचे। करीब 40 मिनट तक अधिकारी जेल के भीतर रहे। इसके बाद मुख्तार को एंबुलेंस से दोबारा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। बताया जा रहा है कि मुख्तार को दिल का दौरा पड़ा है। रात में अस्पताल में उसका निधन हो गया।