आगरा । कोरोना वायरस की तीसरी लहर से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। शहर के होटल और मैरिज होम में अस्थाई अस्पताल बनाए जाएंगे। इनके लिए बेड, ऑक्सीजन सिलिंडर व अन्य संसाधन जुटाने में जिला प्रशासन जुट गया है। जिला अस्पताल और लेडी लॉयल में ऑक्सीजन लगाने की भी तैयारी है। उधर एसएन मेडिकल कॉलेज में आरटी-पीसीआर जांच की क्षमता बढ़ाई जा रही है। बेड और ऑक्सीजन की क्षमता बढ़ाने की दिशा में भी काम चल रहा है। पिछले साल जब पहली लहर आई थी तब कोरोना संक्रमण से इतनी भयावह स्थिति नहीं थी। अप्रैल में दूसरी लहर आई में हालात बेकाबू हो गए। ऑक्सीजन, बेड नहीं मिलने से मरीजों की जानें गईं। अब तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन पहले से तैयारियों में जुट गया है। जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने कहा कि तीसरी और चौथी लहर से इनकार नहीं किया जा सकता। भविष्य में आने वाले संकट को देखते हुए मैरिज होम में अस्थाई अस्पताल बनाएं जाएंगे। दो नए ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। एक लेडी लॉयल और दूसरा जिला अस्पताल में लगेगा। 450 से अधिक निजी अस्पताल हैं। जिनसे ऑक्सीजन सिलिंडर खरीदने के लिए कहा गया है। ऑक्सीजन के बैकअप के लिए सिलिंडर की संख्या बढ़ानी पड़ेगी।
जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने बताया कि सींगना में एफमेक के सहयोग से 350 बेड का पहला अस्थाई अस्पताल तैयार हैं। इनमें आठ क्रिटिकल केयर बेड भी होंगे। यहां 27 चिकित्सक व अन्य स्टाफ स्वास्थ विभाग ने उपलब्ध कराया है। अन्य वॉलिंटियर व पैरामेडिकल स्टाफ को ट्रेंड किया जाएगा। एसएन मेडिकल कॉलेज में भी कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर से निपटने की तैयारी शुरू कर दी गई है। मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. आरती अग्रवाल ने बताया कि संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। सरकार प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों को संसाधन उपलब्ध करा रही है। एसएन में पहले 24 घंटे में 2900 लोगों की आरटी-पीसीआर की जांच की जाती थी, फिर क्षमता बढ़ाकर 4000 की गई। अब शासन स्तर से आरटी-पीसीआर जांच की क्षमता बढ़ाकर 8000 तक कर दी है। मशीन और जरूरी सामान लैब को उपलब्ध करा दिए गए हैं। मरीजों के डायग्नोस्टिक से लेकर आइसोलेशन तक की व्यवस्था बढ़ाई जा रही है। कर्मियों की संख्या बढ़ाई जा रही है। डॉ. आरती अग्रवाल ने बताया कि विशेषज्ञों के मुताबिक तीसरी लहर और खतरनाक होने वाली है। इसके लिए लोगों को और सावधानी बरतनी होगी। टीकाकरण कराने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी होगी। इससे संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है।