मथुरा। बरसाना में अब श्रद्धालु राधारानी के दर्शन सीढ़ियों से नहीं रोप-वे से कर सकेंगे। मंगलवार को रोप-वे का ट्रायल शुरू हो गया है। 440 मीटर लंबे इस रोप-वे से श्रद्धालु महज चार मिनट में ब्रह्मांचल पर्वत पर विराजमान राधारानी के मंदिर तक पहुंच सकेंगे। 2016 में मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण ने बरसाना में रोप-वे के संचालन के लिए राधारानी रोप-वे प्रालि नई दिल्ली के साथ अनुबंध किया था। करीब 15 करोड़ की यह परियोजना पीपीपी मॉडल पर क्रियान्वित की गई है। करीब एक दशक तक विभिन्न प्रकार की बाधाओं के बाद अब यह परियोजना पूरी हो सकी है।
मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि ब्रज में बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए रोप-वे की यह परियोजना बहुपयोगी साबित होगी। खासकर बरसाना के प्रति श्रद्धालुओं का रुझान और बढ़ेगा।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना में फिलहाल 12 ट्राली का संचालन होना है। इसका ट्रायल निर्धारित वजन के साथ किया गया। रोप-वे की प्रत्येक ट्राली में छह यात्रियों के बैठने की सुविधा रहेगी। यह ट्रायल जल्द पूरा होने के बाद आम लोगों के लिए रोप-वे की विधिवत शुरुआत की जाएगी।
उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि इससे सबसे अधिक सहूलियत बुजुर्ग और बच्चों को मिलेगी। वह बिना सीढियां चढ़े ही वे रोप-वे से चंद मिनट में मंदिर तक पहुंच सकेंगे। यह प्रोजेक्ट मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण ने पीपीपी मॉडल पर शुरू किया है। रोप वे संचालित करने वाली कम्पनी प्रति साल के हिसाब से विकास प्राधिकरण को धनराशि प्रदान करेगी। रोप वे से यात्री राधा रानी के दर्शन के साथ साथ ब्रह्मांचल पर्वत की सुंदरता का भी लुफ्त उठा सकेंगे।