नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को लाल किले की प्राचीर से ‘एक देश-एक चुनाव’ की व्यवस्था का आह्वान करते हुये सभी दलों से सहयोग की अपील की। मोदी ने 78वें स्वाधीनता दिवस पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि देश में थोड़े-थोड़े अंतराल पर कहीं न कहीं चुनाव आ जाते हैं, जिससे देश की प्रगति में बाधा पड़ती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (एक देश, एक चुनाव) पर एक समिति ने सबसे चर्चा के बाद एक अच्छी रिपोर्ट दी है। मोदी ने संबोधन में कहा, ‘देश में बार-बार चुनाव, इस देश की प्रगति में रुकावट बन रहे हैं, गतिरोध पैदा कर रहे हैं। आज कोई भी योजना को चुनाव के साथ जोड़ देना आसान हो गया है, क्योंकि हर तीन महीने, छह महीने कहीं न कहीं चुनाव चल रहा है। उन्होंने कहा कि मीडिया को देखें तो देश में हर काम को चुनाव के रंग से रंग दिया गया है। उन्होंने कहा कि एक चुनाव के मुद्दे पर देश में व्यापक चर्चा हुई है तथा सभी राजनीतिक दलों ने अपने विचार रखे हैं।
इस विषय में एक समिति (रामनाथ कोविंद समिति) ने बहुत बढ़िया रिपोर्ट तैयार की है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘वन नेशन, वन इलेक्शन के लिये देश को आगे आना होगा। मैं लाल किले से तिरंगे की साक्षी में देश के राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं, देश के संविधान को समझने वाले लोगों से आग्रह करता हूं कि भारत की प्रगति के लिये भारत के संसाधनों का सर्वाधिक उपयोग जनसामान्य के लिये हो, उसके लिये एक देश एक चुनाव के सपने को साकार करने के लिये हमें आगे आना चाहिये।
उन्होंने कहा कि यह भारत का स्वर्णिम कालखंड है और इसमें 2047 तक देश को विकसित भारत बनाना है। पीएम मोदी ने कहा, ‘बाधायें, रुकावटें, चुनौतियां, उसको परास्त करके एक दृढ़संकल्प के साथ ये देश चलने के लिये प्रतिबद्ध है। और साथियों, मैं साफ देख रहा हूं, मेरे विचारों में कोई झिझक नहीं है। मेरे सपनों के सामने कोई पर्दा नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर हमारे 40 करोड़ पूर्वज आजादी के सपनों को पूर्ण कर सकते हैं तो आज 140 करोड़ देशवासी भी समृद्ध और विकसित भारत के सपने को साकार कर सकते हैं। मोदी ने इस अवसर पर परिवारवाद, जातिवाद से भारत के लोकतंत्र को हो रहे बड़े नुकसान की बात की और कहा, ‘देश की राजनीति को हमें परिवारवाद और जातिवाद से मुक्ति दिलानी होगी।
उन्होंने लाल किला मैदान पर दर्शक दीघार्ओं में उपस्थित ‘माई भारत’ के बैनर का उल्लेख करते हुये कहा कि इस संगठन के कई मिशनों में एक मिशन जल्द से जल्द देश में राजनीतिक जीवन में जनप्रतिनिधि के रूप में शुरूआत में एक लाख ऐसे नौजवानों को आगे लाना चाहते हैं, जिनके परिवार में किसी की भी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं हो, ‘जिसके माता-पिता, भाई-बहन, चाचा, मामाझ्रमामी कभी भी राजनीति में नहीं रहे। उन्होंने कहा कि ये युवा किसी भी राजनीतिक दल में जा सकते हैं। मोदी ने कहा कि ऐसे होनहार नौजवान नगर पालिका , जिला परिषद, विधानसभा या लोकसभा किसी स्तर की राजनीति में आयें ताकि जातिवाद से मुक्ति मिले, परिवारवाद से मुक्ति मिले, लोकतंत्र को समृद्धि मिले और जरूरी नहीं है कि एक दल में जायें, उनको जो पसंद हो उस दल में जायें। उन्होंने कहा कि इससे राजनीति में नई ऊर्जा और नई सोच आयेगी तथा भारत का लोकतंत्र समृद्ध होगा।