नई दिल्ली । देश का पहला दुर्घटना परीक्षण कार्यक्रम ‘भारत एनसीएपी’ (न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम) लॉन्च कर दिया गया है। अब तक भारत में बेची जाने वाली कारों पर ग्लोबल एनसीएपी क्रैश टेस्ट रेटिंग दी जाती थी, जिसमें कारों से जीरो से 5 के बीच मिलने वाली स्टार रेटिंग से कार की मजबूती का अंदाजा लगाया जाता था । अब Bharat NCAP प्रोग्राम के तहत भारत में ही वाहनों का क्रैश टेस्ट किया जाएगा । इसका मकसद कारों का क्रैश टेस्ट कर उन्हें सेफ्टी रेटिंग देना और 3.5 टन तक के मोटर वाहनों के सड़क सुरक्षा मानकों में सुधार करना है। भारत एनसीएपी एक अक्टूबर, 2023 से लागू होगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को यहां एक कार्यक्रम में ‘भारत एनसीएपी’ को लॉन्च किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह ऑटोमोबाइल उद्योग और समाज के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, जिससे वाहनों की सुरक्षा सुविधाओं में सुधार होगा। गडकरी ने कहा कि न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम तंत्र को सभी हितधारकों के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थित तरीके से तैयार किया गया है।
गडकरी ने अपने संबोधन में कहा कि देश सड़क दुर्घटना और वायु प्रदूषण की दोहरी चुनौती का सामना कर रहा है। भारत में हर साल करीब 5 लाख दुर्घटनाएं होती हैं। इन दुर्घटनाओं के कारण करीब 1.5 लाख लोगों की जान जाती है। गौरतलब है कि भारत एनसीएपी कार्यक्रम के तहत, कार निर्माता स्वेच्छा से ऑटोमोटिव उद्योग मानक (एआईएस) 197 के मुताबिक परीक्षण किए गए अपने वाहनों की पेशकश कर सकते हैं।