मथुरा। नगर निगम मथुरा-वृन्दावन के करीब तीन दर्जन पार्षदो ने जनपद के जन प्रतिनिधि सांसद चौ. तेजवीर सिंह सांसद हेमा मालिनी विधायक श्री कान्त शर्मा से भेंट कर अवगत कराया है महापौर विनोद अग्रवाल जनहित के कार्यो को लेकर बेरुखी अपनाये हुए है जिससे जनहित के कार्यो पर प्रतिकूल असर पढ़ रहा है। पार्षद राजवीर सिंह नीनू कुंजबिहारी भारद्वाज तेजवीर सिंह नीरज वशिष्ठ राजीव सिंह विवेक पाराशर निरंजन सिंह राकेश भाटिया ब्रजेश खरे मुन्ना मालिक जितेंद्र सिंह गुलशन पुष्पा गुड्डी प्रधान आदि ने लिखित में पत्र देकर अवगत कराया है कि मथुरा एवं वृन्दावन एक धार्मिक नगरी है जिसमें रोजाना लाखों श्रद्वालु दर्शन हेतु आते हैं। इसी को दृष्टिगत रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जनपद के सर्वांगीण विकास की दृष्टि से बृज तीर्थ विकास परिषद की भी स्थापना की है। मथुरा- वृन्दावन के विकास में नगर निगम की भी महती भूमिका है जिसके लिए उ.प्र. सरकार द्वारा समय समय पर भारी भरकम बजट आवंटित किया जाता है। जैसे 15 वां वित, राज्य वित्त, अवस्थापना निधि आदि मद हैं।
वर्तमान में हमारे नगर निगम के कोष में 15 वें वित्त की लगभग 35 करोड रूपये की धनराशि जमा है जिससे नगर निगम क्षेत्र के 70 वार्डों का समग्र विकास हो सकता है लेकिन बडी विडम्बना है कि 15वें वित्त की पर्याप्त धनराशि उपलब्ध होने के बाबजूद अभी तक महापौर (अध्यक्ष 15 वें वित्त कमेटी) के द्वारा 15 वे वित्त की बैठक नहीं बुलाई जा रही है जिससे नगर के विकास कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। यह बैठक 02 जनवरी 2024 को हुई थी। बैठक को करीब 11 माह हो चुके हैं। इसके बाद आज तक कोई बैठक नहीं हुई है जो कि चिंता का विषय है। नगर निगम मथुरा-वृन्दावन में विगत कुछ वर्ष पूर्व जीआईएस सर्वे के द्वारा नगर निगम की सीमा में आने वाले 70 वार्डों का टैक्स की दृष्टि से सर्वे कराया गया था। सर्वे में काफी विसंगतियां होने के कारण पूर्व में नगर आयुक्त नगर निगम मथुरा-वृन्दावन व मंडलायुक्त आगरा मंडल आगरा को लिखित रूप से अवगत कराया जा चुका है। जिसके बाद संबंधित विभाग द्वारा विसंगतियों को दूर करके वर्तमान में प्रत्येक वार्डों में घर घर जाकर टैक्स के बिलों / नोटिसों को बांटा जा रहा है। इन्हीं विसंगतियों को दृष्टिगत रखते हुए नगर निगम के महापौर एवं अधिकारियों ने बोर्ड की सर्वसम्मति से नगर की जनता को राहत देते हुए 31 अक्टूबर 2024 तक 10 प्रतिशत की छूट प्रदान की थी चूंकि वर्तमान में भी नगर निगम के द्वारा वार्डों में टैक्स के बिलों का वितरण किया जा रहा है इसी को दृष्टिगत रखते हुए जनहित में टैक्स की छूट को बढाकर 31 दिसम्बर 2024 तक बढ़ाया जाना आवश्यक है।