यूपी में जनपद 73 वें स्थान पर, नगर आयुक्त ने लगाई फटकार
मथुरा। प्रधान मंत्री की स्वनिधि योजना को जनपद में पलीता लगाने वाले बैंक प्रबंधकों के मथुरा-वृन्दावन के नगर आयुक्त ने पेच कस दिये है। इस योजना में मथुरा 73 वें नम्बर पर चल रहा है जबकि प्रदेश के 17 नगर निगमों में मथुरा अंतिम स्थान से छलांग लगाता हुआ 9 वें स्थान पर पहुंच गया है।
प्रधान मंत्री श्री मोदी ने पिछले वर्ष देश के स्ट्रीट बैंडर रेहडी, ढकेल, सडक किनारे फुटपाथ पर काम करने वाले गरीब लोगों के लिए पीएम स्वनिधि योजना प्रारम्भ की थी लेकिन लचर प्रशासनिक व्यवस्था के चलते ये योजना अभी पूरी तरह कारगर सिद्ध नही हुई है। यूपी की बात करें तो मथुरा जनपद की बहुत ही दयनीय स्थिति है यहां का प्रशासन गरीब तबके को लाभ पहुंचाने की मंशा नही रखता। इस योजना में दस हजार तक का ऋण दिया जाता है, मथुरा में साढे तीन हजार से अधिक लोग आवेदन कर चुके है लेकिन बैंक इनको वितरण करने में हील-हुज्जत कर रही है।
गुरूवार को मथुरा-वृन्दावन नगर निगम के नगर आयुक्त अनुनय झा ने इस योजना को लेकर समीक्षा बैठक की जिसमें स्थानीय निकाय प्रभारी डिप्टी कलैक्टर सुरेन्द्र यादव सहित, सभी बैंकों के मंडल प्रबंधक, निगम के अधिकारी मौजूद रहे। समीक्षा में पाया गया कि योजना मथुरा में प्रारम्भ होने की दशा से पहले ही दम तोडने की स्थिति में पहुंच गई है। इस स्थिति पर कडी नाराजगी जाहिर करते हुए नगर आयुक्त श्री झा ने बैंक प्रबंधकों को चेतावनी के साथ निर्देश दिए कि वह आगामी एक पखवाडा में समस्त स्वीकृत ऋण आवेदनों पर कार्यवाही करते हुए प्रथम किस्त के रूप में दस हजार रू. की नकदी का वितरण सुनिश्चित करें। ऋण वितरण में लापरवाही बरतने वाली बैंकों पर शिकंजा कसने के लिए अधिकारियों की तैनाती की है। स्टेट बैंक के लिए सहायक नगर आयुक्त राजकुमार मित्तल, केनरा बैंक के लिए डिप्टी कलैक्टर सुरेन्द्र यादव, बैंक ऑफ बडौदा के लिए मुख्य कर निर्धारण अधिकारी शिव कुमार गौतम, इण्डियन बैंक के लिए परियोजना अधिकारी डूडा रमेश कुमार कौशिक को लगाया गया है।
बैठक के बारे में जानकारी देते हुए नगर आयुक्त अनुनय झा ने बताया कि लोगों के ऋण स्वीकृत पडे है जिनका वितरण होना है जबकि 2700 आवेदन स्वीकृति की प्रत्याशा में जिनको शीघ्र ही मानकों के अनुसार मंजूर किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रथम किस्त के रूप में दस हजार रू. दिए जायेंगे यदि नियत समय पर रूपये जमा कर दिये गये तो उस लाभार्थी को पुनः दूसरी किस्त के रूप में बीस हजार रू. की सहायता दी जायेगी। एक वर्ष में रूपया मासिक किस्त में लाभार्थी जमा कर सकता है, समय पर लोन अदा करने वाले स्ट्रीट बैंडर्स को सात फीसदी का वार्षिक ब्याज सब्सिडी बतौर उसके खाते में जमा किया जायेगा । मार्च 2022 तक ये योजना लागू रहेगी। बैठक में तय किया गया है कि योजना का अधिकाधिक लाभ स्ट्रीट बैंडरों तक पहुंचाकर जनपद का ग्रेड बढाने के साथ-साथ नगर निगमों को टॉप फाइव में शामिल कराना है। इस योजना की समीक्षा अब प्रत्येक सप्ताह की जायेगी।