नई दिल्ली । परिवहन ईंधन की उच्च लागत के साथ बेस इफेक्ट से मई में थोक कीमतों पर आधारित भारत की वार्षिक मुद्रास्फीति दर बढ़कर 12.94 प्रतिशत हो गया। अप्रैल में यह 10.49 प्रतिशत था। गौरतलब है कि मौजूदा सीरीज में यह डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति की उच्चतम दर है। पिछला उच्च अंक अप्रैल में देखा गया था।
मई 2020 में मुद्रास्फीति की मासिक दर (-) 3.37 प्रतिशत रही।
क्रमिक आधार पर, अप्रैल की तुलना में मई 2021 के लिए डब्ल्यू सूचकांक में महीने दर महीने परिवर्तन 0.76 प्रतिशत था।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “मई 2021 में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से कम बेस इफेक्ट और कच्चे पेट्रोलियम, खनिज तेल जैसे पेट्रोल, डीजल, नेफ्था, फर्नेस ऑयल आदि और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में वृद्धि के कारण है।”