मथुरा। देश की सबसे बड़ी वीरांगना कहीं जाने वाली देवी अहिल्याबाई होल्कर की आज 296 जयंती पर धनगर समाज के साथ-साथ कांग्रेस समाजवादी पार्टी और अन्य सामाजिक संस्थाओं द्वारा उनकी शहर के डैंपियर नगर स्थित पार्क में स्थापित प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।
त्याग न्याय समर्पण की प्रतिमूर्ति देवी अहिल्याबाई होल्कर की जयंती धनगर समाज के समाजसेवी व युवा नेताओं ने हर्षोल्लास के साथ माल्यार्पण कर मनाई। धनगर समाज व काँग्रेस पार्टी के नेताओ ने उनके बताए मार्ग पर चलने का आव्हान किया। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव मुकेश धनगर ने कहा कि मातेश्वरी न्याय की देवी मानी गई राजनीतिक व दलगत भावना से ऊपर उठकर त्याग समर्पण मानव मूल्यों को सर्वोच्च मानते हुए मानव उनके बताये मार्ग पर चले वही हमारी सच्ची श्रंद्धाजंलि होंगी। महानगर कांग्रेस कमेटी के सचिव रूपेश धनगर ने कहा कि हमको उनके जीवन से सीख लेनी चाहिए ।
काँग्रेस जिलाध्यक्ष दीपक चौधरी ने कहा कि महारानी अहिल्या बाई ने अपने शासन में गरीब मजदूर शोषित बंचित व व्यापिरियो के रोजगार की व्यवस्था की प्रजा को भयमुक्त जीवन देकर उन्होंने न्याय का राज्य स्थापित किया । काँग्रेस पार्टी के प्रदेश महासचिव श्यामसुंदर उपाध्याय विट्टू भैया ने कहा कि वह मात्र शिव भक्त ही नही थी बल्कि निडर निर्भीक अदम्य साहस की धनी थी।
इस अवसर पर युवा समाजसेवी नरेश पाल संजय धनगर प्रधान विजेंद्र धनगर हरिओम धनगर रणवीर धनगर आनंद धनगर कैप्टेन हाकिम सिंह धनगर मुरारी लाल धीरेंद्र योगेश धनगर दिनेश प्रधान महेश धनगर राजकुमार धनगर भूपेंद्र धनगर शिवसिंह चंदेल गौरव सिंह गिर्राज सिंह एडवोकेट स्वतंत्र सिंह तुलसीराम धनगर धर्मवीर धनगर प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देशानुसार आज महारानी अहिल्याबाई पार्क में न्याय प्रिय साहस और वीरता की प्रतीक अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा पर प्रातः 9 बजे समाजवादी पार्टी के भारी संख्या में कार्यकर्ता उनकी आदम कद वीरता के प्रतीक प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे जिनमें प्रमुख रूप से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता पहलाद यादव सपा जिला उपाध्यक्ष रणवीर धनगर तुलसीराम धनगर अधिवक्ता सभा के पूर्व जिला अध्यक्ष मनोज यादव एड के अतिरिक्त बृजेंद्र सिंह बघेल महेश धनगर हरिओम धनगर शिवकुमार धनगर डीसी वर्मा आनंदपाल रंगराज पवन प्रमोद रघुराज गौरव राहुल राजकुमार आदि वक्ताओं ने महारानी अहिल्याबाई को दार्शनिक हिंदू धर्म को मानने वाली धार्मिक दयालु प्रवृत्ति महिला बताते हुए उनके सुझाये सद मार्ग पर सभी से चलने का आग्रह किया।