नई दिल्ली । अमेरिका ने भारत को एफजीएम-148 जेवलिन एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल और एम982ए1 एक्सकैलिबर प्रक्षेपास्त्र तथा संबंधित उपकरणों की बिक्री को मंजूरी प्रदान की है, जिसका अनुमानित मूल्य 4.71 करोड़ अमेरिकी डॉलर है। रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत को एक्सकैलिबर प्रक्षेपास्त्र और संबंधित उपकरणों की संभावित विदेशी सैन्य बिक्री को मंज़ूरी दी है। एजेंसी ने कांग्रेस को सूचित करते हुए आवश्यक प्रमाणन प्रदान किया है।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने अमेरिका से 216 एम982ए1 एक्सकैलिबर सामरिक प्रक्षेपास्त्रों की खरीद का अनुरोध किया है। इसमें शामिल की जाने वाली अतिरिक्त गैर-एमडीई वस्तुओं में पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक फायर कंट्रोल सिस्टम, प्राइमर, अमेरिकी सरकार की तकनीकी सहायता, तकनीकी डेटा, मरम्मत वं वापसी सेवाएं, और रसद एवं कार्यक्रम सहायता के अन्य संबंधित सामग्री शामिल हैं।
कुल अनुमानित लागत मूल्य 4.71 करोड़ अमेरिकी डॉलर है। प्रस्तावित बिक्री अमेरिका-भारत रणनीतिक संबंधों को मज़बूत करेगी और एक प्रमुख रक्षा साझेदार की सुरक्षा बढ़ाकर अमेरिकी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों को बल प्रदान करेगी। भारत, हिंद-प्रशांत और दक्षिण एशिया क्षेत्रों में राजनीतिक स्थिरता, शांति एवं आर्थिक प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति बना हुआ है।
इस बिक्री से भारत की वर्तमान और भविष्य के खतरों से निपटने की क्षमता में सुधार होगा क्योंकि इससे उसे सटीक क्षमता वाले उपकरण मिलेंगे और उसकी हमले की सटीकता बढ़ेगी। भारत इन प्रक्षेपास्त्राें को अपने सशस्त्र बलों में शामिल करने में पूरी तरह सक्षम है। इस उपकरण और सहायता की प्रस्तावित बिक्री से क्षेत्र में बुनियादी सैन्य संतुलन में कोई बदलाव नहीं आएगा। इस सौदे का मुख्य कांट्रेक्टर आर्लिंग्टन, वर्जीनिया स्थित आरटीएक्स कॉर्पोरेशन होगा। वर्तमान में, अमेरिकी सरकार को इस संभावित बिक्री के संबंध में प्रस्तावित किसी भी ऑफसेट समझौते की जानकारी नहीं है।
















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