मथुरा । जनपद में बड़ी संख्या में पेंशनरों/ पारिवारिक पेंशनरों के परिजनों द्वारा कोषागार को मृत्यु होने की सूचना न देकर खाते से धनराशि निकलने के एक सैकड़ा से अधिक प्रकरण जांच में आये है अब ट्रेजरी अधिकारी तहसील से रिकवरी जारी कर वसूली की तैयारी कर रहे है।
वरिष्ठ कोषाधिकारी मुन्ना लाल शुक्ल ने बताया कि वर्ष में एक बार पेंशनरों/ पारिवारिक पेंशनरों द्वारा जीवित प्रमाण पत्र कोषागार में प्रेषित किया जाता है जो एक वर्ष के लिए वैद्य रहता है।
इस दौरान कोषागार द्वारा निरन्तर एक वर्ष तक पेंशन प्रेषित की जाती रहती है। इस बीच किसी पेंशनर /पारिवारिक पेंशनर की मृत्यु हो जाती है तो नियमानुसार परिवारी जनों द्वारा मृत्यु की सूचना तत्काल कोषागार को प्रेषित की जाना चाहिए किन्तु कतिपय प्रकरणों में परिजनों द्वारा कोषागार को सूचना समय से प्रेषित नहीं की जाती है जिससे अतिरिक्त पेंशन का भुगतान मृतक पेंशनर / पारिवारिक पेंशनरों के खातों में हो जाता है जिससे वसूली की कार्यवाही कोषागार द्वारा की जाती है।
कई बार परिजन मृतक पेंशनर / पारिवारिक पेंशनर के खातों में अधिक भुगतानित धनराशि अन्य तरीकों से निकाल लेते हैं जो कि अपराध है जिसके खिलाफ कार्यवाही हो सकती है। पेंशनर / पारिवारिक पेंशनरों की मृत्यु की दशा में तत्काल समय से कोषागार को वस्तुस्थिति बताएं यदि अतिरिक्त पेंशन का भुगतान कोषागार द्वारा समय से सूचना न देने के कारण हो गया हो, तो उस पैसे का बैंक ड्राफ्ट सम्बन्धित बैंक खाते के माध्यम से कोषागार में जमा कराये। चूँकि प्रकरण शासकीय धन की क्षति से जुड़ा है इसलिए ऐसे परिजन जिन्होंने पेंशनर / पारिवारिक पेंशनरों के खाता में अतिरिक्त प्रेषित धनराशि का उपभोग कर लिया है और उसे वापस नहीं कर रहें हैं उनके विरुद्ध पैसे की वसूली भू-राजस्व की तरह होगी जिसके लिए परिवारीजन स्वयं उत्तरदायी होंगें।