मथुरा। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान मथुरा में अखिल भारतीय स्तर की एनसीवीटी प्रयोगात्मक/सीवीटी परीक्षा अगस्त 2024 में धांधली गडबडी की शिकायत पर शासन ने दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। उस कमेटी में संयुक्त निदेशक (प्रशि./शिक्षु) चित्रकूट मंडल बांदा एवं प्रधानाचार्य आईआईटी झांसी को नामित किया गया है। उक्त आदेश आई ए एस नेहा प्रकाश निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय उत्तर प्रदेश रोजगार भवन गुरु गोविंद सिंह मार्ग लखनऊ द्वारा जारी किया गया है।
सूत्रों के अनुसार उक्त परीक्षा प्रभारी एमपी वर्मा कार्यदेशक ने शासन को प्रेषित शिकायत में अवगत कराया है कि परीक्षा में अयोग्य एक्जामनर रखे गये जिनके अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी थे। आई आई टी प्रधानाचार्य ने अपने चहेते परिचितों को एक्जामनर बनाया। परीक्षा के अंतिम दिनों तक मैपिंग के जरिए रिजेक्ट/एप्रुब्ड का खेला चला। अधिकांश एक्जामनर परीक्षा केंद्रों पर गये ही नहीं। सरकारी निजी आई आई टी द्वारा व्यवसाय फिटर विद्युतकर ड्राफ्ट मैन मैकेनिक, बैण्डर आदि के जॉब प्रशिक्षार्थियों द्वारा नहीं बनाये गये जिन संस्थानों द्वारा जॉब जमा किये गये है वह सभी बाहर से बनवाये गये है। एक्जामनर द्वारा अंक तालिकाएं स्वयं नहीं जांची गयी है न ही उनके हस्ताक्षर हैं, प्रयोगात्मक उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन सही नहीं है क्योंकि सभी छात्रों की प्रयोगात्मक उत्तर पुस्तिका एक समान है। परीक्षा के दौरान वीडियोग्राफी नहीं कराई गई है, कुछ की हुई भी है तो उनकी सीडी/पैन ड्राइव खाली जमा की गई है। जॉब रन पर मार्किंग नहीं है बहुत सी संस्थानों द्वारा जॉब जमा नहीं किये गये। सीवीटी परीक्षा में कार्यशाला परिचर एवं शिशिक्षु प्रशिक्षार्थियों को ड्यूटी पर नियमित रूप से लगाया है। जेडी आगरा योगेन्द्र सिंह एवं बाहरी व्यक्ति चंद्रपाल की संरक्षण में यह खेल हुआ है। पूरे प्रकरण की जांच के लिए आजकल में कमेटी मथुरा आने वाली है जोकि सभी आरोपों की जांच करेगी।