मथुरा। बी एस ए महाविद्यलय में जीवन जीने की कला विषय पर हुई विचार गोष्ठी में सर्वप्रथम माँ सरस्वती और बाबू शिवनाथ के चित्र पर मुख्य वक्ता जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर पूज्य उमाकान्तानन्द सरस्वती महाराज प्राचार्य डॉ ललित मोहन शर्मा जिला विद्यालय निरीक्षक भाष्कर मिश्र पूर्व सी डी ओ आर एस गौतम ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन माल्यर्पण किया।
मुख्य वक्ता ने अपने सम्बोधन में कहा कि जीवन की सार्थकता आत्मसाक्षात्कर में है और आत्मसाक्षात्कर करने में आध्यात्म शिक्षा ज्ञान और विवेक मनुष्य के सबसे बड़े सहयोगी होते है। उन्होंने कहा कि ज्ञान और विवेक मनुष्य को वो दृष्टि देता है जिसके द्वारा हम रूढ़ियों आडम्बरों और असत्य के पार स्थित धर्म के मूल को समझ सके और सत्यान्वेषी बने और तदोपरांत लौकिक और पारलौकिक दोनों जीवन को सफल कर सके।
प्राचार्य डॉ ललित मोहन शर्मा ने कहा कि बेहतर जीवन के लिए शैक्षणिक और मानवीय अवदानों को आलम्ब बनाएं और डर भय और राग द्वेष से परे रहकर जीवन को सम्पूर्णता में जियें छात्रों को अपना जीवन देश और समाज को समर्पित करना चाहिए और सदैव विद्यार्थी भाव को बनाये रखना चाहिए।
कार्यक्रम के अंत मे महाविद्यलय में विभिन्न कंपनियों द्वारा चलाये जा रहे ट्रेनिग कार्यक्रम के 250 छात्रों को प्रमाण पत्र दिए गए। अंत मे विचार गोष्ठी और
ट्रेनिग कार्यक्रम की समन्वयक डॉ रश्मि अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ बी के गोस्वामी ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के डॉ एस के सिंह, डॉ मधु त्यागी डॉ मुकेश चंद डॉ जसवंत सिंह, डॉ एस के राय डॉ संजय कटारिया डॉ सतनाम अरोड़ा डॉ विद्योतमा डॉ वी पी राय डॉ उमा रानी डॉ यू के त्रिपाठी डॉ किरण चौधरी आदि प्राध्यापकगण व छात्र छात्राएं सहित हिमांशु यादव अनिल कुमार देवेश पाठक ललित पाठक उपस्थित रहे।