मथुरा। कोरोना काल में अस्पताल मेडीकल उपकरण बेचने वालों ने दोनों हाथों से लूट मचा रखी है जनता का खून चूसने वाले ये भेड़िये समझ रहे कि जिंदगी यही ख़त्म है जितना लूट सके लूट ले। पूरे देश में हालत खराब हो गयी है जिसको मौका मिल रहा है वह दुगुना नहीं पचास गुना मज़बूरी का लाभ उठाकर वसूल रहा है। उसको ये आभास नहीं हो रहा यही इसी जन्म में जीते जी हिसाब किताब होगा।
कोरोना के चलते दवाओं के साथ थर्मामीटर व ऑक्सीमीटर की भारी किल्लत बढ़ गई है। 100 रुपये वाला थर्मामीटर 300 से ज्यादा और 500 वाला ऑक्सीमीटर दो से ढाई हजार रुपये में मिल रहा है। मेडिकल स्टोरों वालो ने जानबूझकर कमी का संकट बना रखा है।
एक महीने में दवाओं की खपत और मांग के साथ कालाबाजारी की वजह से कंपनियों ने दवाओं के दाम में 30 फीसदी बढ़ा दिए हैं। थर्मामीटर, आक्सीमीटर, मॉस्क, ग्लब्स और सेनेटाइजर, वेपोराइजर, ब्लड प्रेशर मापने की मशीन और ग्लूकोमीटर कई गुना अधिक दामों पर बेचा जा रहा है। कंपनियों से भी दवाएं नही मिल पा रही हैं। इस कारण दवाओं की किल्लत बढ़ गई है। लोग चोरी छुपे दवाओं की कालाबाज़ारी कर रहे हैं।
उपकरण रेट पहले अब
थर्मामीटर 80 से 100 250 से 300 रुपये
ऑक्सीमीटर 500 से 800 2000 से 2500 रुपये
वेपोराइजर 150 से 200 500 से 600 रुपये
ब्लड प्रेशर मशीन 1000 से 1200 1500 से 2500 रुपये