मथुरा। खालसा पंथ के स्थापना (साजना) दिवस पर गुरुद्वारे में श्रद्धा भक्ति का माहौल देखा गया । सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविन्द सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। गुरु गोविन्द सिंह ने खालसा पंथ को न केवल स्थापित किया बल्कि वीर पंच प्यारों को भी सिख मर्यादा एवं समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बनाया। इस अवसर पर साद संगत ने गुरुद्वारे में सुसज्जित विराजमान गुरु ग्रन्थ साहिब के समक्ष माथा टेका और आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम के अन्त में लंगर प्रसाद भण्डारे का आयोजन हुआ जहाँ सर्व समाज के लोगों ने पंगत में बैठकर प्रसाद ग्रहण किया।
रविवार को ऐसे महान पर्व पर होलीगेट स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब में खालसा पंथ स्थापना दिवस को साद संगत ने बड़ी श्रद्धा एवं उल्लास के साथ मनाया। गुरुद्वारे के दीवान को बड़ी भव्यता के साथ सजाया गया जिसमें विराजमान गुरु ग्रन्थ साहिब की छटा देखते ही बनती थी। साद संगत ने गुरु ग्रन्थ साहिब के समक्ष माथा टेका और आशीर्वाद प्राप्त किया।
इस अवसर पर शबद कीर्तन के कार्यक्रम हुये। दरबार साहिब अमृतसर से आये भाई गुरु सेवक सिंह गुरलाल सिंह बलविन्दर सिंह ने शबद कीर्तन के माध्यम से साद संगत को पंच प्यारों एवं गुरु गोविन्द सिंह के समाज के प्रति योगदान को विस्तार से बताया।
गुरुद्वारा बंगला साहिब दिल्ली से भाई अजीत सिंह कुलवीर सिंह दीपक सिंह हजूरी रागी ने शबद कीर्तन कर साद संगत को निहाल किया।
कार्यक्रम में जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह सांसद प्रत्याशी श्रीमती हेमामालिनी मॉंट विधायक राजेश चौधरी पूर्व विधायक प्रदीप माथुर का सम्मान बंगला साहिब कार सेवा दिल्ली के मथुरा प्रभारी बाबा रविन्दर सिंह ने शॉल औढ़ाकर किया। सभी अतिथियों ने गुरुद्वारा में गुरुग्रन्थ साहिब के समक्ष माथा टेक कर आशीर्वाद लिया और सभी को खालसा पंथ एवं वैशाखी की बधाई दी।
उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से भा.ज.पा.के महानगर अध्यक्ष घनश्याम लोधी, राजू यादव, कॅुज बिहारी चतुर्वेदी, जनार्दन शर्मा, अनूप गौतम एवं बाबा गुलजार सिंह, बाबा परगट सिंह, मनी सिंह, हरपाल सिंह, हरप्रीत सिंह हैप्पी, गुरनाम सिंह, अरूण सिंह भाटिया, राजीव कपूर, बक्शीश सिंह, तलविन्दर सिंह, मलविन्दर सिंह, परमिन्दर कौर, राजेन्द्र कौर, सतनाम कौर, हरविन्दर सिंह चावला, हरपाल सिंह भाटिया, महेन्दर सिंह छाबड़ा, मलिक अरोड़ा, राजेन्द्र सिंह होरा आदि सैकड़ों की संख्या में साद संगत उपस्थित रही।