पंचांग के अनुसार नवरात्र के नौ दिनों में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार पं.अजय कुमार तैलंग ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस बार चैत्र नवरात्र की शुरुआत 09 अप्रैल से हो रही है। इस दिन घटस्थापना के बाद ही मां दुर्गा की पूजा की जाती है। आज के दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त में पूजा करके व्रत रखा जाता है । चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 08 अप्रैल को रात 11 बजकर 50 मिनट से होगी और इसका समापन 09 अप्रैल को रात 08 बजकर 30 मिनट पर होगा। ऐसे में 09 अप्रैल से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होगी। इस दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 09 बजकर 12 मिनट से लेकर 10 बजकर 47 तक शुभ चौघडिया है । इसके बाद अति शुभ मुहूर्त 11:57मिनट से 12 : 48 तक है। इसमें अभिजित मुहूर्त वैधृति योग का संयोग भी मिल रहा है ।
इसके बाद नवरात्र के 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही जीवन में सुख-शांति के लिए व्रत किया जाता है। इस पूजा में सबसे पहले कलश, (मिट्टी, चांदी या तांबे), गंगाजल, आम के पत्ते की डाली, सिक्का, अक्षत जौ बोने के लिए – मिट्टी का बर्तन, एक साफ कपड़ा, जल, मिट्टी, कलावा और जौ। अखंड ज्योति के लिए – पीतल या मिट्टी का दीपक, घी, रुई की बत्ती, रोली, अक्षत मान्यता के अनुसार, चैत्र नवरात्र में शुभ मुहूर्त के दौरान कलश स्थापित करने से साधक के घर में खुशियों का आगमन होता है। अगर आप कलश स्थापना कर रहे हैं, तो चांदी, मिट्टी या तांबे के कलश में घटस्थापना कर सकते हैं। घटस्थापना में लोहे या स्टील का कलश प्रयोग न करें। घटस्थापना करने से पहले मंदिर की साफ-सफाई कर लें। प्रातःकाल घटस्थापना की जगह पर गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें। इसके बाद हल्दी से अष्टदल बनाएं और कलश में शुद्ध जल लेकर लौंग, अक्षत, हल्दी, सिक्का, इलायची, पान और फूल समेत आदि चीजें डालें। इसके बाद ऊपर रोली से स्वास्तिक बनाएं। अंत में कलश की स्थापना के समय मां दुर्गा का ध्यान करें। फिर प्रथम दुर्गा का नाम लेकर पूजा करें प्रसाद भोग लगाएं।