लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल का आज तीसरा बजट पेश कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये पेश किया गया बजट प्रदेश के समग्र और संतुलित विकास का दस्तावेज है, जिससे प्रदेश की समग्र संकल्पनाओं को पूरा किया जाएगा। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में बजट को पेश करते हुए इसे राम राज्य का बजट बताया। उन्होंने बजट में महिलाओं, युवाओं ,किसानों , गरीबों पर विशेष फोकस किया है। इस बार बजट का आकार लगभग 7.60 लाख करोड रुपए का है, जबकि पिछले साल 6.90 लाख का बजट पेश किया गया था। यह अब तक का यूपी का सबसे बड़ा बजट है।
अयोध्या, काशी, मथुरा और महाकुंभ के लिए भी योगी सरकार ने अपना खजाना खोल दिया है। बजट में सरकार ने पांच हजार करोड़ रुपए से अधिक धार्मिक स्थलों के विकास और इससे सम्बन्धित इन्फ्रास्ट्रक्टर के विकास के लिए दिए हैं। लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले ही पेश हो रहे इस बजट में सरकार हर वर्ग को साधने की कोशिश की गई है। धार्मिक शहरों के विकास पर जोर है। अयोध्या एयरपोर्ट के विस्तार के लिए 150 करोड़ के प्रावधान के साथ ही अयोध्या की तर्ज पर ही काशी और मथुरा के विकास की भी योजना है।
बजट में कृषि क्षेत्र पर खास फोकस
● उत्तर प्रदेश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर ही नहीं अपितु सरप्लस राज्य के रूप में देश में अपना स्थान बनाये हुए है.
● प्रदेश में कुल प्रतिवेदित क्षेत्रफल 241.70 लाख हेक्टेयर है, जिसमें 160.95 लाख हेक्टेयर में खेती की जाती है. प्रदेश में कृषि क्षेत्र की विकास दर 5.1 प्रतिशत प्राप्त करने का लक्ष्य है.
● कृषकों के निजी नलकूपों को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 2400 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है, जो वर्तमान वित्तीय वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है.
● पीएम कुसुम योजना के क्रियान्वयन हेतु 449 करोड़ 45 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वित्तीय वर्ष की तुलना में दो गुने से अधिक है.
● कृषि को प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से तीन नई योजनायें प्रारम्भ की जा रही है, यथा- राज्य कृषि विकास योजना, विश्व बैंक सहायतित यूपी एग्रीज योजना तथा प्रदेश के विकास खण्डों एवं ग्राम पंचायतों में ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन- ऑटोमैटिक रेन गेज की स्थापना. इन योजनाओं हेतु क्रमशः 200 करोड़ रूपये, 200 करोड़ रूपये एवं 60 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना प्रारम्भ की जा रही है जिसके लिये 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
किसानों के लिए यह योजनाएं रहीं लाभकारी
● डार्क जोन में नये निजी नलकूप कनेक्शन देने पर लगे प्रतिबन्ध को हटा लिया गया है जिससे लगभग एक लाख किसानों को सीधा फायदा हुआ.
● बुन्देलखण्ड क्षेत्र में एकल रबी फसल की सिंचाई हेतु सीजनल टैरिफ का लाभ एवं अस्थाई विद्युत संयोजन की सुविधा प्रदान की गयी.
● वर्ष 2023-2024 में माह अक्टूबर, 2023 तक लगभग 37 लाख किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण कराया गया.
● प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत 2022-2023 के लगभग 10 लाख बीमित कृषकों को माह अक्टूबर, 2023 तक 831 करोड़ रूपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया.
● प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत दिसम्बर, 2023 तक लगभग 63,000 करोड़ रूपये की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से 2 करोड़ 62 लाख कृषकों के खातों में हस्तान्तरित की गयी.
● प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना के अन्तर्गत प्रदेश के लघु एवं सीमांत कृषकों को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर पुरूष एवं महिला दोनों के लिए 3000 रूपये की सुनिश्चित मासिक पेंशन प्रदान की जा रही है.
● वर्तमान सरकार द्वारा वर्ष 2017 से 29 जनवरी, 2024 तक लगभग 46 लाख गन्ना किसानों को 2 लाख 33 हजार 793 करोड़ रूपये से अधिक का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया. यह गन्ना मूल्य भुगतान इसके पूर्व के 22 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य भुगतान 2 लाख 1 हजार 519 करोड़ रूपये से भी 20,274 करोड़ रूपये अधिक है.
● पेराई सत्र 2023-2024 के लिये गन्ने की अगैती प्रजाति का मूल्य 350 रूपये से बढ़ाकर 370 रूपये, सामान्य प्रजाति का 340 रूपये से बढ़ाकर 360 रूपये तथा अनुपयुक्त प्रजाति का मूल्य 335 रूपये से बढ़ाकर 355 रूपये प्रति कुन्तल हो गया है.
बजट में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण
● उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2022 के अन्तर्गत पात्र इकाईयों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किये जाने हेतु 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में तीन गुनी है.
● उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2017 के अन्तर्गत 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है.
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग
● प्रदेश में औसत गन्ना उत्पादकता 72 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 84 मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर हो गयी है. गन्ने के साथ सहफसली खेती का आच्छादन बढ़ने से कृषकों को 25 प्रतिशत की अतिरिक्त आमदनी हुई.
● वर्तमान पेराई सत्र 2023-2024 में 29.66 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती तथा चीनी का उत्पादन 110 लाख टन से अधिक होने का अनुमान है.
● किसान सहकारी चीनी मिल, ननौता, जनपद सहारनपुर की कार्यक्षमता सुधार, सहकारी चीनी मिल लिमिटेड, गजरौला, जनपद अमरोहा की पेराई क्षमता 2500 टी.सी.डी. से बढ़ाकर 4900 टी.सी.डी. करने तथा सल्फरलेस रिफाइण्ड शुगर का उत्पादन करते हुये एक लाख लीटर प्रतिदिन एथनाॅल उत्पादन क्षमता की आसवनी एवं कम्पे्रस्ड बायो गैस प्लाण्ट की स्थापना का कार्य प्रगति पर है.
● पिपराईच एवं मुण्डेरवा में स्थापित 5000 टी.सी.डी. क्षमता की नई चीनी मिलों में 27 मेगावाॅट के बिजली उत्पादन संयंत्र तथा सल्फरलेस शुगर प्लाण्ट की स्थापना भी की गयी है.
दुग्ध उत्पादन पर बजट में विशेष ध्यान
● दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण एवं पुनर्जीवित करने की योजना हेतु 106 करोड़ 95 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● नन्द बाबा दुग्ध मिशन योजना हेतु 74 करोड़ 21 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक है.
● उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 के अन्तर्गत प्रदेश में स्थापित होने वाले दुग्ध उद्योग की इकाईयों को प्रोत्साहन स्वीकृत किये जाने हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● जनपद मथुरा में 30 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता (विस्तारीकरण 01 लाख लीटर प्रतिदिन) के नवीन डेरी प्लान्ट के निर्माण हेतु 23 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
पशुपालन के लिए बजट में प्रावधान
● गो संरक्षण एवं निराश्रित/बेसहारा गोवंश की समस्या के निराकरण हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में 303 वृहद गो-संरक्षण केन्द्र संचालित है.
● प्रदेश में लगभग 7,239 गोवंश आश्रय स्थल संचालित है. इन आश्रय स्थलों में शहरी तथा ग्रामीण अंचलों में कुल 14 लाख 38 हजार गोवंशीय पशु संरक्षित किये गये हैं.
● पशुरोग नियंत्रण योजना हेतु 195 करोड़ 94 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 68 प्रतिशत अधिक है.
● जनपद गोरखपुर एवं भदोही में पशुचिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● जोखिम प्रबंधन एवं पशुधन बीमा योजना हेतु 78 करोड़ 55 लाख रूपये प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग तीन गुना है.
बजट के इन प्रावधानों से बढ़ेगा मत्स्य उत्पादन
● प्रदेश में मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाये जाने के दृष्टिकोण से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना वर्ष 2020 से वर्ष 2025 तक संचालित है.
● प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत एक्वा पार्क के निर्माण की नयी योजना हेतु 190 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत पुरूष एवं महिला लाभार्थियों को आच्छादित किये जाने हेतु कुल 310 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
सहकारी का क्षेत्र से 8700 करोड़ का बांटा गया कर्ज
● वर्ष 2023-2024 में दिसम्बर, 2023 तक 8,787 करोड़ रूपये का अल्पकालिक ऋण वितरित किया गया जिसका लाभ 14.35 लाख कृषकों को प्राप्त हुआ.
● वर्ष 2023-2024 में दिसम्बर, 2023 तक 257 करोड़ रूपये का दीर्घकालिक ऋण वितरित किया गया.
● प्रारम्भिक सहकारी ऋण समितियों के माध्यम से किसानों को कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने हेतु 525 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● भण्डारण योजना के अन्तर्गत पैक्स के गोदामों के सुदृढ़ीकरण एवं मरम्मत हेतु 30 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
बजट में ग्राम्य विकास पर रहा विशेष ध्यान
● प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अन्तर्गत वर्ष 2016 में मात्र 1.40 लाख आवास स्वीकृत किये गये थे जबकि हमारी सरकार द्वारा अब तक 36 लाख 15 हजार आवास स्वीकृत किये गये हैं जिनमेें से 34 लाख 14 हजार आवास पूर्ण किये जा चुके हैं और शेष निर्माणाधीन है.योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 2441 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● मुख्यमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-2019 से 2023-2024 तक अद्यावधिक 02 लाख 03 हजार आवासों का निर्माण पूर्ण करा लिया गया है.योजना हेतु 1140 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● विधान मण्डल क्षेत्र विकास योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में विकास कार्यों के लिये 2520 करोड़ रूपये (जी0एस0टी0सहित) की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के क्रियान्वयन हेतु लगभग 5060 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन हेतु लगभग 3695 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 3668 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
सिंचाई क्षमता में हुई खूब तरक्की
● हमारी सरकार द्वारा 31 सिंचाई परियोजनायें पूर्ण की गयी जिससे 22 लाख 75 हजार हेक्टेयर से अधिक सिंचन क्षमता सृजित हुई जिसका लाभ 46 लाख 69 हजार कृषकों को प्राप्त हुआ.
● विभिन्न जनपदों में 6,600 राजकीय नलकूपों के आधुनिकीकरण तथा डार्क जोन में स्थित 569 असफल राजकीय नलकूपों के पुनर्निर्माण का कार्य प्रगति पर है. इन कार्यों से लगभग 1.33 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुनस्र्थापना होगी तथा लगभग 1.10 लाख कृषक परिवार लाभान्वित होंगे.
● नहरों एवं सरकारी नलकूपों से किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा हेतु 1100 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है.
● नदी में सुधार एवं कटाव निरोधक परियोजनाओं (नाबार्ड पोषित) के लिए 1530 करोड़ 60 लाख रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है.
● डार्क जोन के असफल 569 नलकूपो के लिये 70 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है.
नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति
● जल जीवन मिशन हेतु 22,000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जिसमेें 2000 करोड़ रूपये की धनराशि अनुरक्षण मद हेतु है.
● मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना हेतु 1020 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● वर्षा जल संचयन एवं भू-जल संवर्द्धन योजना हेतु 80 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग 51 प्रतिशत अधिक है.
● ग्राउण्ड वाॅटर रीचार्जिंग एवं चेकडैम निर्माण हेतु 65 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग 23 प्रतिशत अधिक है.
बजट में खाद्य एवं रसद
● रबी विपणन वर्ष 2023-24 हेतु भारत सरकार द्वारा गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य रू0 2125 प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया। प्रदेश में 54,684 कृषकों से 2.20 लाख मीट्रिक टन गेहूँ क्रय किया गया, जिसके सापेक्ष कृषकों के बैंक खातों में लगभग 466 करोड 35 लाख रूपये का सीधे भुगतान किया गया.
● खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अन्तर्गत धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य काॅमन श्रेणी हेतु 2183 रूपये प्रति कुन्तल एवं ग्रेड-ए श्रेणी हेतु 2203 रूपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया. अद्यतन लगभग 7.50 लाख कृषकों से 50.18 लाख मीट्रिक टन धान खरीद की गयी जिसके सापेक्ष कृषकों के बैंक खातों में 10,856 करोड़ रूपये का सीधे भुगतान किया गया.
● खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में मक्का, बाजरा तथा ज्वार के लिये भी भारत सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किये गये.प्रदेश सरकार द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करते हुये किसानों के बैंक खातों में सीधे भुगतान किया गया.
● प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत वर्ष 2023-2024 में 56 लाख से अधिक लाभार्थियों को निःशुल्क गैस सिलिन्डर वितरित किये गये हैं.
● अन्न पूर्ति योजना हेतु 17,661 करोड़ 60 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● निःशुल्क खाद्यान्न एवं उज्जवला योजना के लाभार्थियों को निःशुल्क एल0पी0जी0 सिलिन्डर रीफिंल उपलब्ध कराये जाने हेतु 2200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
यूपी में सरकार के प्रयासों से बढ़ गया वन क्षेत्र
● राज्य सरकार प्रदेश में हरीतिमा वृद्धि हेतु सतत् प्रयासरत है. वर्तमान में उ0प्र0 में वनावरण एवं वृक्षावरण प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र का 9.23 प्रतिशत है. वर्ष 2030 तक वनावरण एवं वृक्षावरण 15 प्रतिशत तक किये जाने का लक्ष्य है.
● वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश में हरीतिमा विस्तार हेतु प्रदेश में वृहद स्तर पर 35 करोड़ लक्ष्य के सापेक्ष 36.16 करोड़ पौधारोपण का कार्य कराया गया.वर्षाकाल-2024 में 35 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य प्रस्तावित है.
● सामाजिक वानिकीकरण योजना हेतु 600 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● पौधशाला प्रबन्धन योजना हेतु 175 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● ग्रीन इण्डिया मिशन के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों हेतु 110 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● प्रोजेक्ट टाइगर एण्ड प्रोजेक्ट एलीफेन्ट योजना हेतु 48.94 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● जनपद लखनऊ स्थित कुकरैल वन क्षेत्र में कुकरैल नाइट सफारी पार्क की स्थापना हेतु 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
बजट में महिला एवं बाल विकास
● प्रदेश के सभी 75 जनपदों में 1,89,796 आंगनबाडी केन्द्रों के माध्यम से 06 माह से 06 वर्ष आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं के सर्वांगीण विकास की योजनाओं का संचालन कराया जा रहा है.
● प्रदेश में अनुपूरक पुष्टाहार से लगभग 2 करोड़ 6 लाख लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है.
● हाॅट कुक्ड मील योजना के अन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों में 03 वर्ष से 06 वर्ष आयु के 79.37 लाख बच्चों को गर्म पका भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.
● पुष्टाहार कार्यक्रम हेतु लगभग 5129 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं के मानदेय के भुगतान हेतु लगभग 971 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● कन्या सुमंगला योजना हेतु 700 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.