लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी को लेकर किए गए ट्वीट को अनुचित बताया है। उनका कहना है कि अखिलेश यादव सूबे के मुख्यमंत्री रह चुके हैं, लेकिन अब वह बयानवीर नेता बन कर गैर जिम्मेदारी वाले ट्वीट कर रहे हैं। सपा नेता को जिम्मेदारी भरा व्यवहार करते हुए जनता को भड़काने वाले ट्वीट करने से उन्हें बचना चाहिए। करोना महामारी के समय में जनता को भड़काने की बजाय अखिलेश यादव को कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए आगे आना चाहिए।
अखिलेश यादव ने मंगलवार को एक ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाया था। उनके इस आरोप के जवाब में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने बेहद संयमित तरीके से अखिलेश को उनकी जिम्मेदारियों का अहसास कराते हुए कहा है, लोकतंत्र में विपक्ष के नेता का काम सिर्फ सरकार की आलोचना करने का ही नहीं होता है। महामारी के समय सरकार के साथ सहयोग करते हुए विपक्ष को जनता की मदद करनी चाहिए। हाथ पर हाथ रखे हुए घर में बैठकर सिर्फ बयान जारी करने के बचना चाहिए। सपा के मुखिया अखिलेश को यह नसीहत देते हुए सुरेश खन्ना ने यह भी कहा कि कोरोना महामारी के दौर में सपा राजनीति कर रही है। अगर सपा नेताओं को कोरोना पीड़ितों की इतनी चिंता है प्रदेश की तो आगे आएं और सरकार के प्रयासों में हाथ बटायें। यूपी सरकार राज्य के 24 करोड़ आमजनमानस के लिए दिन रात प्रयास कर रही है। प्रदेश सरकार ऑक्सीजन की कमी को पूरी करने प्लेन से ऑक्सीजन के टैंकर मंगवाए जा रहे हैं। झारखण्ड से ऑक्सीजन एक्सप्रेस निर्बाध आपूर्ति कर रही हैं। प्रदेश सरकार ने इस महामारी में जनता को अकेले नहीं छोड़ा है। हर व्यक्ति के इलाज का प्रबंध किया जा रहा। जनता के किये कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल और सुविधाएं निरंतर दी जा रही हैं।
गरीब से गरीब व्यक्ति के इलाज को लेकर सरकार निजी अस्पतालों को इलाज का सारा पैसा देने का ऐलान कर चुकी है। इसके अलावा सरकार कोरोना संक्रमित हर व्यक्ति के बेहतर इलाज को लेकर अस्पतालों में बेड़ से लेकर अन्य सुविधाओं का इजाफा कर रही है। यह दावा करते हुए सुरेश खन्ना ने कहा कि सपा नेता आज ऑक्सीजन की कमी को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं पूरे पांच साल सत्ता में रहे की बाद भी उनको प्रदेश के हर सरकारी अस्पताल में वेंटिलेटर लगवाने की सुध नहीं आयी थी। प्रदेश सरकार वर्ष 2017 में जब सत्ता पर काबिज हुई थी तो सूबे 36 जिलों के सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर नहीं था, आज राज्य के हर जिला अस्पताल में दस से अधिक वेंटिलेटर हैं। अब यूपी में 30 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज और 2 एम्स प्रदेश में हैं और अब सरकार हर मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन प्लांट लगवाने का फैसला कर चुकी है, ताकि भविष्य में ऑक्सीजन की कमी का सामना प्रदेश के किसी भी अस्पताल को ना करना पड़े।
सुरेश खन्ना ने कहा कि समाजवादी पार्टी और उसके नेता जो आज इस महामारी के दौर में घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, वो सिर्फ एक गंदी राजनीति का हिस्सा है। अगर उन्हें जनता के दु:ख की इतनी ज्यादा पीड़ा है,तो क्यों नही सरकार के प्रयासों में सहयोग करते। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मैनेजमेंट का ही परिणाम है कि यहां रिकवरी रेट अन्य प्रदेशों से ज्यादा है, हम अपने प्रदेश के साथ पड़ोसी राज्यों के मरीजों का भी इलाज कर रहे हैं, लेकिन ये सब समाजवादी पार्टी को नहीं दिखेगा, क्योंकि ये समाज हितैशी नही, स्वार्थी लोग हैं। प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा का पैसा सैफई महोत्सव में लगाने वालों को प्रदेश सरकार पर आरोप लगाने से बचना चाहिये।