मथुरा। जनपद में स्कूली वाहनों से आवागमन कर रहे हजारों बच्चों का जीवन खतरे में है। यह खतरा स्कूली वाहन के नाम पर मोटी फीस वसूलने वाले विद्यालयों प्रबंधनों के लालच ने उत्पन्न कर दिया है।
जानकर हैरानी होगी कि जनपद में 179 स्कूली वाहनों की फिटनेस / परमिट की वैधता समाप्त हो चुकी है जो कि चिंताजनक है। इसके अतिरिक्त 262 स्कूली वाहन की 15 वर्ष की आयु पूर्ण हो चुकी है, जिन्हें स्कूली वाहन के रूप में प्रयोग नहीं किया जा सकता है। यह वाहन स्कूली बच्चों के लिए बड़ा खतरा बने हुए हैं।
इस स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला विद्यालय यान परिवहन सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई जिसमें जिलाधिकारी द्वारा बैठक में उपस्थित समस्त स्कूली प्रबंधकों एवं प्रधानाचार्यों को यह निर्देश दिए गए कि वे एक सप्ताह के अन्दर अपने स्कूली वाहनों को नियमोनुरूप करा लें।
इस दौरान वरिष्ठ सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) राजेश राजपूत ने अवगत कराया कि मुख्य सचिव उ.प्र. शासन एवं परिवहन आयुक्त उ.प्र. के पत्र में जनपद मथुरा में संचालित समस्त स्कूली वाहनों व समस्त यात्री वाहन जिनकी फिटनेस एवं परमिट की वैधता समाप्त हो गयी है, उनका संचालन जनसमुदाय के लिये खतरा पैदा कर सकता है।
उन्होंने बताया कि जनपद में 179 स्कूली वाहनों की फिटनेस / परमिट की वैधता समाप्त है। 262 स्कूली वाहन जिनकी 15 वर्ष की आयु पूर्ण हो चुकी है। ऐसे वाहनों का तुरन्त कार्यालय में उपस्थित होकर वाहन के पंजीयन निरस्त की कार्यवाही पूर्ण करा लें। तीन दिन में उक्त कार्रवाई न करने वाले प्रधानाचार्य/प्रबंधकों के खिलाफ विरुद्ध विधिक कार्यवाही करते हुए एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
















Views Today : 8037