जमुनापार क्षेत्र स्थित नगला कोल्हू में बने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में अनियमितता का मामला
मथुरा। जमुनापार क्षेत्र स्थित नगला कोल्हू में बने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में अनियमितता की लोकायुक्त से की गई शिकायत की जांच के मामले में आगरा मंडल कमिश्नर अनिल कुमार द्वारा बनाई गई चार सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच कमेटी ने शुक्रवार को स्थलीय निरीक्षण किया।
जमुना पार इलाके में बनी आनंदपुरम कॉलोनी निवासी सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य हेम सिंह ने नगर निगम मथुरा वृंदावन द्वारा नगला कोल्हू में बनाए गए वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट एवं एसटीपी से पनप रहे प्रदूषण आदि को लेकर एक शिकायत तथ्यों के साथ लोकायुक्त से की थी। लोकायुक्त के निर्देश पर कमीशनर ने इस मामले में जांच के लिए 4 सदस्यीय कमेटी का गठन किया जिसमें नगर आयुक्त फिरोजाबाद विजय कुमार अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व बृजेश कुमार क्षेत्रीय अधिकारी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आगरा अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग आगरा नामित किए गए।
उक्त चार सदस्य कमेटी ने शुक्रवार को नगला कोल्हू एवं एसटीपी प्लांट पर पहुंचकर वास्तविक स्थिति का निरीक्षण किया। जांच कमेटी ने मौके पर शिकायतकर्ता एम सिम को भी बुलाया तथा उनके पक्ष को धैर्य पूर्वक सुना जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि कूड़ा से खाद बनाने की प्रोसेसिंग तथा एसटीपी प्लांट से क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है। भारी प्रदूषण अस्वच्छ जल आदि गंभीर समस्याओं से क्षेत्रीय जनता परेशान है।
नगर निगम की ओर से अपर नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार तिवारी ने पूर्ण तथ्यों के साथ दस्तावेज कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किए। ध्यान रहे इस मामले की शिकायत पर एनजीटी एवं अन्य स्थानों से भी की जांच रही है। निगम का कहना था कि भारी जनसमूह का हित देखते हुए दोनों प्लांट का आधुनिकीकरण निरंतर किया जा रहा है । सूत्रों का कहना है कि शिकायत कर्ता हेमराज सिंह ने जांच कमेटी के समक्ष निगम के सभी तथ्य नकारते हुए स्पष्ट किया कि वह इन दोनों प्लांटों को जमुनापार से हटा कर ही दम लेंगे । इस दौरान ये भी बताया कि पुराने एसटीपी प्लांट को भी ठीक करा दिया गया है। कमेटी ने दौरान प्लांट संचालन की समस्त कार्रवाई एवं संचालन संबंधी डेटा का परीक्षण भी किया । अब जांच कमेटी 11 जनवरी को अपनी रिपोर्ट कमिश्नर को प्रस्तुत कर देगी।