-1380 लाख की परियोजना उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद की देखरेख में संचालित है
– कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम के इंजीनियरों ने बरती अनदेखी
मथुरा। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मथुरा में देश की सबसे बड़ी गौशाला का निर्माण कार्य 13 करोड़ 80 लाख रू की लागत से सौ एकड़ में ग्राम राल के पास चल रहा है। इसे आर एस एस की देखरेख में तैयार किया जा रहा है। इसका निर्माण यूपी राजकीय निर्माण निगम इकाई द्वारा किया जा रहा है। इसकी नव निर्मित दीवार बुधवार को मामूली आंधी से गिर गई। प्रदेश में इस समय भ्रष्टाचार की पराकाष्टा पार हो चुकी है। गौशाला के निर्माण कार्य में भी कमीशन खोरी का आलम देखा सकता है। ये हालत तो तब है जबकि राज्य के मुखिया योगी की प्राथमिकता वाले कार्यों में गौशाला नंबर वन पर है।
दीवार गिरने की जानकारी मिलते ही उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के वाइस चेयरमैन शैलजा कांत मिश्र का पारा हाई हो गया है। बुधवार को आई हल्की आंधी में ग्राम राल के समीप विहार वन में निराश्रित गायों के लिए बनाए जा रहे आश्रय स्थल (गौशाला) की दीवार का काफी हिस्सा ध्वस्त हो गया। शासन ने इस मेगा परियोजना पर 1380 लाख रुपए का बजट जारी किया हुआ है। इस परियोजना का निर्माण कार्य उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम सूडा इकाई मथुरा द्वारा कराया जा रहा है। उक्त कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग के अधीन कार्यरत है।
इस संबंध में जानकारी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजा कांत मिश्र ने नाराजगी जताते हुए लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण को एक पत्र भेजा है। जिसमें श्री मिश्र ने बताया है कि निराश्रित गायों की निर्माणाधीन गौशाला की बाउंड्री का एक हिस्सा 14 अप्रैल को हल्की आंधी में ध्वस्त हो गया है। इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पीडब्ल्यूडी की इस कार्यदाई संस्था (राजकीय निर्माण निगम) के इंजीनियरों ने इसके निर्माण की गुणवत्ता को नहीं परखा। इस संबंध में तत्काल जांच की आवश्यकता है और इसकी गुणवत्ता सुनिश्चित कराने के साथ ही जो दोषी हैं उनके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए ।