मुक्ताकाशीय रंगमंच पर कलाकारों ने किया मोर नृत्य, संत और कृष्णभक्त महारास के एक-एक पल को करते रहे आत्मसात
गोवर्धन(मथुरा) । शरदोत्सव पर पूर्णिमा की धवल चांदनी में सूरदास जी की तपोस्थली परासौली में परम्परागत महारास हुआ। कलाकारों ने मंच पर गायन के साथ मोर नृत्य भी किया।
शनिवार की सायं 6 से रात 9 बजे तक चले महारास को देखने के लिए बड़ी संख्या में संत और कृष्ण भक्त महिला, पुरुष व बच्चे मौजूद रहे। निर्देशक पं. पूर्ण प्रकाश कौशिक ने बताया कि सूरकुटी के किनारे चंद्र सरोवर ही ऐसा पवित्र स्थल है जहां द्वापर में कृष्ण और राधा ने सखियों के संग रात भर रास किया था। रास देखने को चंद्रमा भी रात भर ठहर से गये थे।
उक्त आयोजन उत्तर प्रदेश बृज तीर्थ विकास परिषद एवं उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में चन्द्र सरोवर के किनारे मुक्ताकाशीय रंगमंच ओपन एयर थिएटर पर हुआ।
इस मौके पर संत कन्हैया बाबा, सियाराम दास महाराज, राजेन्द्र दास महाराज, दीनबन्धु दास त्यागी आदि संतों ने उपस्थितो को आशीर्वाद प्रदान किया।
शरदोत्सव-2023 के अंतर्गत महारास देखने के लिए मुख्य अतिथि उप्र बृज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र, सीईओ नगेन्द्र प्रताप, डिप्टी सीईओ जे पी पाण्डेय, जिला पर्यटन अधिकारी डी के शर्मा, गीता शोध संस्थान के निदेशक प्रो दिनेश खन्ना, ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डा. उमेश चंद्र शर्मा, सहायक अभियंता राम प्रसाद यादव, सहायक अभियंता दूधनाथ आदि बृज तीर्थ विकास परिषद के अधिकारी व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
इस अवसर पर नगर पंचायत गोवर्धन अध्यक्ष प्रतिनिधि मनीष लम्बरदार, व्यापारी मण्डल के अध्यक्ष संजू लाला, सिया राम, मेघश्याम शर्मा, राम चन्द्र, अनिल शर्मा, मोहित कृष्ण आदि हजारों की संख्या में रास प्रेमी भक्तों ने रास का आनंद लिया।
अतिथियों का स्वागत ग्राम प्रधान प्रतिनिधि बबलू कौशिक ने किया। संचालन सौरभ द्ववेदी ने किया।