– पिछड़ा दलित समाज की बालिकाओं, महिलाओ को शिक्षित करने पर जोर दिया था
गोवर्धन। भारत की प्रथम महिला शिक्षिका, समाज सुधारिका एवं मराठी कवित्री सावित्री बाई फुले का 190 वां जन्म दिवस रविवार को गोवर्धन बरसाना मार्ग स्थित सैंनी धर्मशाला में उनके चित्रपट पर पुष्पांजलि अर्पित कर हर्षोल्लास से मनाया गया। इस दौरान सावित्री बाई के जीवन शैली पर प्रकाश डालते हुए विजेंद्र सैंनी ने कहा कि उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए। वे प्रथम महिला शिक्षिका थीं, उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है।
3 जनवरी 1848 में पुणे में अपने पति के साथ मिलकर विभिन्न जातियों की नौ छात्राओं के साथ उन्होंने महिलाओ के लिए एक विद्यालय की स्थापना की। एक वर्ष में सावित्री बाई और महात्मा फुले पाँच नये विद्यालय खोलने में सफल हुए थे। डा. मुकेश सैनी ने बताया कि 10 मार्च 1897 को प्लेग के कारण सावित्रीबाई फुले का निधन हो गया था। प्लेग महामारी में सावित्री बाई प्लेग के मरीज़ों की सेवा करती थीं। एक प्लेग के छूत से प्रभावित बच्चे की सेवा करने के कारण इनको भी छूत लग गया इसी कारण से उनकी मृत्यु हुई। उन्होंने पिछड़ा दलित समाज की बालिकाओं महिलाओ को शिक्षित करने पर जोर दिया था। इस अवसर पर महेश चंद्र सैनी खन्ना सैनी रामबाबू सैनी गोपाल सैनी प्रकाश सैनी भगवत सैनी अशोक विष्णु सैनी देवा आदि उपस्थित रहे।