मथुरा। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा घाटों के विकास की योजना को और आगे बढ़ाने की मांग भाजपा पार्षद नीलम गोयल ने उठायी है। पुराने सभी पौराणिक घाट को रिवर फ्रंट योजना में शामिल करने की बात उन्होंने की है।
उनका कहना है कि बैकुंठघाट, गऊघाट, कृष्ण गंगाघाट, सन्त घाट चक्रतीर्थ घाट और दसाश्वमेघ घाट अभी तक विकास से कोसों दूर हैं। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद 20 घाटों के जीर्णोद्धार कराने की योजना पर काम कर रहा है जबकि शेष घाटों को भी इसमें शामिल किए जाने की जरूरत है। मथुरा के ऐसे कई घाट हैं जो पौराणिक महत्व के हैं लेकिन विकास से अछूते हैं। ये सभी घाट नगर निगम के वार्ड 58 गऊ घाट क्षेत्र में हैं। मथुरा में यमुना के प्रमुख 25 घाट हैं। विश्राम घाट के अलावा दायीं और 12 और बायीं ओर 12 घाट हैं। इसमें दाई ओर ध्रुव घाट तक और बाई ओर गोकर्णनाथ तक यमुना के घाटों का उल्लेख है। इनमें कुछ का अस्तित्व समाप्त हो चुका है और कुछ जमींदोज हो चुके हैं। पार्षद नीलम गोयल का कहना है कि बैकुंठ घाट, गऊ घाट, कृष्ण गंगा घाट, चक्रतीर्थ घाट, दसाश्वमेध घाट के विकास की जरूरत है।