– उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने तैयार किया मंदिर के लिए एप्रोच मार्ग, सौंदर्यीकरण सहित पर्यटक सुविधाए बढ़ाने का प्रोजेक्ट
– राधारानी की अष्टसखियों में ललिता, विशाखा, चंपकलता, चित्रा, तुंगविद्या, इंदुलेखा, रंगदेवी और सुदेवी शामिल
मथुरा। ब्रजभूमि में श्रीकृष्ण जन्मस्थान और वृंदावन के बाद अब राधारानी की नगरी बरसाना की ओर श्रद्धालुओं का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन को पहुंच रहे हैँ। ब्रह्मंचल पर्वत पर विराजमान राधारानी के मंदिर तक रोप-वे की उपलब्धता ने बरसाना के आकर्षण को ओर बढ़ा दिया है। इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने राधारानी की अष्टसखियों के मंदिर के लिए एप्रोच मार्ग और सौंदर्यीकरण की योजना बनाई है।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि ब्रज भूमि में अब बरसाना भी तेजी से उभरकर आ रहा है। यहाँ अब न केवल राधा अष्टमी और लठामार होली देखने को श्रद्धालु आ रहे हैँ बल्कि प्रतिदिन बड़ी संख्या श्रद्धालु दर्शन को पहुंच रहे हैँ। उन्होंने कहा कि मथुरा वृंदावन और गोवर्धन के साथ बरसाना में श्रद्धालु बड़ी संख्या रहती है। बरसाना की सड़कों पर भीड़ का दबाव देखने को मिल रहा है। इसी के अनुरूप बरसाना के विकास पर काम हो रहा है। श्रीजी मंदिर के आसपास कई विकास योजनाएँ अमल में लाई जा रही है। रोप-वे ने विकास की योजनाओं को पंख लगा दिए हैँ। बरसाना के प्रति श्रद्वालुओं के बढ़ते रुझान को देखते हुए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने राधारानी की अष्टसखियों के मंदिरों तक श्रद्धालुओं की पहुंच बनाने की योजना बनाई है।
सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि बरसाना के आसपास राधारानी की सखियों के गाँव हैँ। यहाँ स्थित मंदिरों के एप्रोच मार्ग बनाए जाएंगे। यहाँ स्ट्रीट लाइट, साइन बोर्ड लगाए जाएंगे। मंदिरों के पास श्रद्धालुओं के लिए बैठक बनाई जाएंगी। पेयजल और शौचालय की व्यवस्था भी रहेगी। उन्होंने बताया कि पर्यटन विकास से जुड़े इस प्रस्तावित अष्टसखी प्रोजेक्ट पर 26 करोड़ खर्च होंगे।
अष्टसखियों के गाँव
– ललिता सखी ( ऊंचा गांव)
– इंदुलेखा सखी (आजनौख)
– चित्रा सखी ( चिकसोली)
– चंपकलता सखी ( करहला)
– तुंग विद्या सखी (डभाला)
– विशाखा सखी (कमाई)
– रंगदेवी सखी (रांकोली)