मथुरा। एक समुदाय विशेष के लोग श्रीकृष्ण जन्मभूमि के निकट ऐतिहासिक पौराणिक भूमि हाथी टीला की जमीन पर कब्जा करने की फिराक में है। विगत सरकारों में उपेक्षित रहे इस टीले की सुरक्षा हेतु मोदी सरकार ने 1 करोड़ रुपये बाउंड्रीवाल निर्माण हेतु पारित किए, किंतु विभागीय उपेक्षा व स्थानीय प्रशासन के असहयोग के कारण कार्यदायी एजेन्सी TCIL निर्माण ही आरम्भ न कर सकी और धन वापस हो गया । कुछ दिन पूर्व चंद लोग कटीले तार फेंसिंग कर कब्जा कर रहे थे जिन्हे पुलिस के सहयोग से खदेड़ दिया गया।
इस सम्बन्ध में हिंदूवादी नेता विजय बहादुर सिंह ने बताया कि श्रीकृष्ण-जन्मभूमि परिसर जहाँ मथुरा के राजा कंस का कारागार था से करीब 500 मीटर पूर्व में (अमरनाथ विद्या आश्रम व किशोरी रमण इण्टर कालेज के मध्य) राजा कंस का हाथी घर था, 2.5 एकड़ का यह पौराणिक महत्व का स्थल वर्तमान में हाथी टीला के नाम से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के आगरा सर्किल में A-233 क्रमांक पर अंकित है, भूखण्ड का स्वामित्व मथुरा नगर निगम का है और संरक्षण ASI का । एक लंबे समय से विधर्मियों की कुदृष्टि इस पर है और वे निरंतर इस पुरासम्पदा को नष्ट कर रहे हैं, ASI के नख-दंत विहीन विभाग का कार्यालय निकट में ही कंकाली टीले पर है, किन्तु कार्य शून्य ।
उन्होंने आरोप लगाया कि विगत 5 दिनों से स्थानीय एक समुदाय के लोग अवैध कब्जे हेतु इस भूखंड पर तारबंदी के प्रयास में खम्बे गाड़ रहे हैं मंगलवार को कुछ युवक टीले को खोदकर पुरासम्पदा निकाल रहे थे जिन्हें सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस ने भगाया व टीले की मिट्टी भरा एक रिक्शा जब्त किया ।
उन्होंने स्थानीय प्रशासन से इस बारे में प्रभावी कार्रवाई करने की पुरजोर मांग की है।