वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा संकल्पित नवाचारों के अंतर्गत धाम में आयोजित श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व को न्यास के विद्वान अर्चकों के परामर्श के अनुरूप छः दिवसीय पर्व के रूप में मनाया जा रहा है।
इस आयोजन पर बुधवार को श्री विश्वेश्वर की रात्रि शयन आरती के पूर्व श्री लड्डू गोपाल की तृतीय दिवस की आराधना विष्णु सहस्रनाम के साथ संपन्न हुई। बुधवार को भगवान गणपति विनायक की विशेष आराधना होती है और हरा रंग बुधवार का शुभ वर्ण माना जाता है। इस तथ्य के दृष्टिगत आज लड्डू गोपाल ने हरित श्रृंगार धारण कर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बड़े नंदी जी के बगल विराजे श्री निकुंभ विनायक के साथ भक्तों को दर्शन दिए। रात्रि श्रृंगार आरती के पश्चात शयन आरती तक गणपति और लड्डू गोपाल के युगल दर्शन का अद्भुत एवम अपूर्व संयोग धाम में श्रद्धालुओं की भावुक आस्था का केंद्र बना रहा।
श्री कृष्ण सनातन परंपरा में भगवान श्री हरि विष्णु के षोडश कलाओं से युक्त अवतार हैं। भगवान विनायक सभी देवताओं में प्रथम पूज्य हैं। गोपेश्वर श्री कृष्ण के गणपति निकुंभ स्वरूप के साथ शोभायमान स्वरूप के अद्भुत संयोग की छवि श्री काशी विश्वनाथ धाम के आज के सनातन नवाचार की प्रमुखता रही। श्री काशी विश्नाथ मंदिर के सीईओ विश्व भूषण मिश्र के संयोजन में इस पुनीत कार्य को सम्पादित किया जा रहा है।