नई दिल्ली देश में इस साल सरसों का रिकॉर्ड उत्पादन होने के बावजूद किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी ऊंचा भाव मिल रहा है। देश में इस समय सरसों का भाव 5,800 रुपये प्रतिक्विंटल है, जबकि सरसों का एमएसपी इस साल 4,650 रुपये प्रंतिक्विंटल है। ऐसे में किसानों को एमएसपी से करीब 1,200 रुपये प्रतिक्विंटल ऊपर भाव मिल रहा है। कारोबारियों ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में खाने के तमाम तेलों के दाम ऊंचे होने से सरसों के भाव में तेजी है और आगे आवक जोर पकड़ने के बावजूद भाव में गिरावट की संभावना कम है।
तेल कारोबारियों ने बताया कि आयातित तेल महंगे भाव चल रहे हैं, इसलिए सरसों तेल की खपत बढ़ गई है।
सरसों तेल की खपत बढ़ने का एक मुख्य कारण इसकी शुद्धता है। तेल बाजार विशेषज्ञों ने बताया कि आयातित तेल महंगा होने से सरसों तेल में मिलावट की गुंजाइश नहीं रह गई है। लिहाजा, उपभोक्ताओं को शुद्ध सरसों का तेल मिलना सुनिश्चित हुआ है।
केंद्र सरकार द्वारा पिछले महीने जारी फसल वर्ष 2020-21 के दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार, देशभर में इस साल सरसों का उत्पादन 104.27 लाख टन है। हालांकि खाद्य तेल उद्योग संगठन सेंट्रल ऑगेर्नाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड (सीओओआईटी) और मस्टर्ड ऑयल प्रोडूसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (मोपा) की द्वारा किए गए आकलन के अनुसार, देश में इस साल सरसों का उत्पादन 89.50 लाख टन है।