न्याय के देवता और कर्म फल के दाता शनि देव की जयंती ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि आज 6 जून गुरुवार को मनाई जा रही है। इस दिन शनि देव के निमित्त व्रत करना चाहिए। इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं।
शनि देव से जुड़ी चीजों का यथासंभव दान करना चाहिए, जैसे काली चप्पल, काला छाता, काली उड़द दाल, काले तिल, काले कपड़े।साधक को शनिदेव की पूजा करते समय कभी उनकी आंखों में नहीं देखना चाहिए, अन्यथा व्यक्ति वक्री दृष्टि से पीड़ित हो सकता है। अतः इनकी पूजा करते समय हमेशा अपनी नजर उनके पैरों पर ही रखना चाहिए।
शनि के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए हनुमान जी की आराधना के साथ हनुमान चालीसा का पाठ, सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। शनि बाधा को दूर करने के लिए गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए छाया दान करना चाहिए अर्थात लोहे के कटोरे में सरसों का तेल डालकर उसमें अपनी छवि देखकर उस तेल और कटोरे को शनि मंदिर में दे देना चाहिए। शनिदेव को शीघ्रता से प्रसन्न करने के लिए इनके आराध्य भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करके मोरपंख व बांसुरी अर्पित करना चाहिए। पितृ दोष से मुक्ति के लिए इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण करना चाहिए।