• About Us
  • Contact Us
  • Epaper
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
Rajpath Mathura
  • Home
  • ताज़ा ख़बरें
  • ट्रेंडिंग न्यूज़
  • राष्ट्रीय
  • अन्तराष्ट्रीय
  • राज्य
  • मथुरा
  • राजनीति
  • खेल
  • मनोरंजन
  • धर्म
  • टेक्नोलॉजी
  • लेख/सम सामयिकी
  • राशिफल
  • English News
  • Home
  • ताज़ा ख़बरें
  • ट्रेंडिंग न्यूज़
  • राष्ट्रीय
  • अन्तराष्ट्रीय
  • राज्य
  • मथुरा
  • राजनीति
  • खेल
  • मनोरंजन
  • धर्म
  • टेक्नोलॉजी
  • लेख/सम सामयिकी
  • राशिफल
  • English News
No Result
View All Result
Rajpath Mathura
No Result
View All Result
Home धर्म

विष्णु के चतुर्थ अवतार श्रीनृसिंह

Rajpath Mathura by Rajpath Mathura
in धर्म
0
विष्णु के चतुर्थ अवतार श्रीनृसिंह
0
SHARES
47
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

-अशोक “प्रवृद्ध”-

यद्यपि सनातन वैदिक मतानुसार परमात्मा का अवतार संभव नहीं, तथापि बहुत सारे हिन्दुओं की मान्यता है कि सृष्टि में सभी प्राणी पूर्वनिश्चित धर्मानुसार अपने-अपने कार्य करते रहते हैं और जब कभी धर्म की हानि की होती है तो सृष्टिकर्ता धर्म की पुनः स्थापना करने के लिये धरती पर अवतार लेते हैं। पौराणिक मान्यतानुसार सृष्टि पालक भगवान विष्णु अब तक अधर्म के नाश के लिए नौ बार यथा मत्स्य, कुर्म (कच्छप), वाराह, नृसिंह (नरसिम्हा), वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध के रूप में धरती पर अवतरित हो चुके हैं और दसवीं बार भविष्य में कलियुग की समाप्ति पर कल्कि अवतार के रूप में अवतरित होंगे।

इन सभी अवतारों की कथायें पुराणों में वृहत रूप से अंकित हैं। पुरातन धर्मग्रंथों में नृसिंह अर्थात नरसिंह नर और सिंह अर्थात मानव-सिंह को भगवान विष्णु का अवतार माना गया है, जो मानव एवं आधे सिंह के रूप में प्रकट होते हैं, जिनका सिर एवं धड तो मानव का था लेकिन चेहरा एवं पंजे सिंह की तरह थे। पुरातन धर्मग्रन्थों के अनुसार विष्णु के दस अवतारों में से चतुर्थ अवतार हैं नृसिंह अवतार, जो वैशाख में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अवतरित हुए। यही कारण है कि इस तिथि का हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है और नृसिंह जयंती वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को बड़े ही भक्ति-भाव से मनाई जाती है। भगवान श्रीनृसिंह शक्ति तथा पराक्रम के प्रमुख देवता हैं।

पौराणिक धार्मिक मान्यताओं एवं धार्मिक ग्रन्थों के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर दैत्यों के राजा हिरण्यकशिपु का वध किया था। कुछ पुराणों में विष्णु के चौबीस अवतार माने गए हैं। उनके अनुसार भगवान विष्णु ने चौदहवें अवतार के रूप में नरसिंह रूप का अवतार लेकर नास्तिक हिरण्यकश्यपु के शरीर को अपने नख से दो टुकड़ों में विभक्त कर दिया जैसे बढई किसी लकडी के दो टुकडों को चीरता है। वैसे तो नृसिंह भगवान् पूरे भारतवर्ष में पूजे जाते हैं, लेकिन विशेषकर दक्षिण भारतवर्ष में वैष्णव सम्प्रदाय के लोगों द्वारा एक देवता के रूप में इनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, जो विपत्ति के समय अपने भक्तों की रक्षा के लिए प्रकट होते हैं। नरसिंह देव के कई नाम पुराणादि ग्रंथों में अंकित हैं, उनमे नरसिंह, नरहरि,उग्र विर माहा विष्णु, हिरण्यकश्यप अरी आदि प्रमुख हैं।

नरसिंह विग्रह के दस प्रकार यथा, उग्र नरसिंह, क्रोध नरसिंह, मलोल नरसिंह,ज्वल नरसिंह, वराह नरसिंह, भार्गव नरसिंह, करन्ज नरसिंह, योग नरसिंह, लक्ष्मी नरसिंह,छत्रावतार नरसिंह हैं। छत्रावातार नरसिंह को ही पावन नरसिंह अथवा पमुलेत्रि नरसिंह भी कहा जाता है। विष्णु के अन्य अवतारों की भान्ति नृसिंह देव के कई मन्दिर भी हैं, जहाँ नृसिंह देव भक्ति-भाव के साथ पूजे जाते हैं। नृसिंह अवतार भगवान विष्णु के प्रमुख अवतारों में से एक है। नृसिंह अर्थात नरसिंह अवतार में भगवान विष्णु ने आधा मनुष्य व आधा शेर का शरीर धारण करके दैत्यों के राजा हिरण्यकशिपु का वध किया था।

इस अवतार में भगवान विष्णु ने नर-सिंह अर्थात (मानव शरीर पर शेर का सिर) के रूप में अवतरित हो कर दैत्यराज हिरण्यकशिपु का वध किया था जिस के अहंकार और क्रूरता ने सृष्टि का समस्त विधान तहस-नहस कर दिया था। पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार नर-सिंह एक स्तम्भ से प्रगट हुये थे जिस पर हिरण्यकशिपु ने गदा से प्रहार कर के भगवान विष्णु की सर्व-व्यापिक्ता और शक्ति को चुनौती दी थी। नृसिंह अवतार अवतारवाद के समर्थकों के लिए इस धारणा का प्रतिपादन करता है कि ईश्वरीय शक्ति के लिये विश्व में कुछ भी करना असम्भव नहीं भले ही वैज्ञानिक तर्क से ऐसा असम्भव लगे। प्राचीन काल में कश्यप नामक ऋषि हुए थे, उनकी तेरह पत्नियों में से एक पत्नी का नाम दिति था।
उनके दो पुत्र हुए, जिनमें से एक का नाम हिरण्याक्ष और दूसरे का नाम हिरण्यकशिपु था। हिरण्याक्ष को भगवान विष्णु ने पृथ्वी की रक्षा हेतु वराह रूप धारण कर मार दिया तो अपने भाई की मृत्यु से दुखित और क्रोधित हिरण्यकशिपु ने भाई की मृत्यु का प्रतिशोध लेने के लिए अजेय होने का संकल्प किया और उसने सहस्त्रों वर्षों तक कठोर तप किया। तब उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने उसे अजेय होने का वरदान दिया। वरदान प्राप्त करने के पश्चात उसने स्वर्ग पर अधिकार कर लिया तथा लोकपालों को मारकर भगा दिया और स्वत: स्वयं सम्पूर्ण लोकों का अधिपति बन बैठा।

देवता निरूपाय हो गए थे, क्योंकि वे असुर हिरण्यकशिपु को किसी प्रकार से पराजित नहीं कर सकते थे। उधर अहंकार से युक्त हिरण्यकशिपु प्रजा पर अत्याचार करने लगा। इसी समय हिरण्यकशिपु कि पत्नी कयाधु ने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नामकरण प्रह्लाद किया गया।गर्भवती अवस्था में कयाधु नारद के आश्रम में थी, जहाँ का प्रभाव गर्भ में पल रहे प्रहलाद पर भी पडा था इसलिए एक राक्षस कुल में जन्म लेने के बाद भी प्रह्लाद में राक्षसों जैसे कोई भी दुर्गुण मौजूद नहीं थे और वह भगवान विष्णु का परम भक्त था।
प्रह्लाद अपने पिता हिरण्यकशिपु के अत्याचारों का सदैव विरोध किया करता था। भगवद्भक्ति के मार्ग से प्रह्लाद का मन हटाने और उसमें अपने जैसे दुर्गुण भरने के लिए हिरण्यकशिपु ने बहुत प्रयास किए। नीति-अनीति सभी का प्रयोग किया, परन्तु प्रह्लाद अपने मार्ग से विचलित न हुआ, तब हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद को मारने के लिए कई प्रकार के षड्यंत्र रचे, किन्तु वह सभी में असफल रहा। विष्णु की कृपा से प्रह्लाद हर संकट से उबर आता और बच जाता था। सभी प्रयासों में असफल होने पर क्षुब्ध हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद को अपनी बहन होलिका की गोद में बैठाकर जिन्दा ही जलाने का प्रयत्न किया।

होलिका को यह वरदान प्राप्त था कि अग्नि उसे नहीं जला सकती, परन्तु जब प्रह्लाद को होलिका की गोद में बिठा कर अग्नि में डाला गया तो उसमें होलिका तो जलकर राख हो गई, किन्तु प्रह्लाद का बाल भी बाँका न हुआ। इस घटना को देखकर हिरण्यकशिपु क्रोध से भर गया, क्योंकि उसकी प्रजा भी अब भगवान विष्णु की पूजा करने लगी थी।उसे प्रजा के समक्ष अपनी पराजय स्वीकार्य नहीं थी। इस पर एक दिन हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद से पूछा कि बताओं तुम्हारा भगवान कहाँ है? यह सुन प्रहलाद ने अत्यंत विनम्र होकर कहा कि भगवान् तो सर्वत्र है और कण-कण में व्याप्त है।प्रत्युतर में यह सुन क्रोधित हिरण्यकशिपु ने कहा कि क्या तुम्हारा भगवान इस स्तम्भ अर्थात खम्भे में भी है?

इसका उत्तर भी प्रहलाद ने हाँ में दी।यह उत्तर सुन अहंकार व अभिमान से भरा क्रोधान्ध हिरण्यकशिपु ने स्तम्भ पर प्रहार किया। हिरण्यकशिपु के प्रहार करते ही स्तम्भ को चीरकर श्रीनृसिंह भगवान प्रकट हो गए। उपस्थित लोगों ने देखा कि समस्त शरीर मनुष्य का और मुख सिंह का, बड़े-बड़े नख एवं दाँत, प्रज्वलित नेत्र, स्वर्णिम सटाएँ, बड़ी भीषण आकृति स्तम्भ से प्रकट हुई और हिरण्यकशिपु को पकड़कर अपनी जाँघों पर रखकर उसकी छाती को नखों से फाड़ डाला और उसका वध कर दिया। श्रीनृसिंह ने प्रह्लाद की भक्ति से प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि आज के दिन जो भी मेरा व्रत करेगा, वह समस्त सुखों का भागी होगा एवं समस्त पापों से मुक्त होकर परमधाम को प्राप्त होगा। इसी कारण इस दिन को नृसिंह जयंती- उत्सव के रूप में मनाया जाता है और लौकिक दुःखों से मुक्त होने, भक्त की रक्षा करने व समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण करने की प्रार्थना व कामना श्रीनृसिंह से की जाती है।

Tags: #Sri Nrisimhathe fourth incarnation of Vishnu
Previous Post

केंद्र व राज्य सरकार के समेकित प्रयास से 2019 से बेहतर होगा उतर प्रदेश में मतदान का प्रतिशत: नवदीप रिणवा

Next Post

दिल्ली से वडोदरा जाने वाली फ्लाइट में टिशू पेपर पर ‘बम’ लिखा मिला, मचा हड़कंप

Rajpath Mathura

Rajpath Mathura

Next Post
दिल्ली से वडोदरा जाने वाली फ्लाइट में टिशू पेपर पर ‘बम’ लिखा मिला, मचा हड़कंप

दिल्ली से वडोदरा जाने वाली फ्लाइट में टिशू पेपर पर ‘बम’ लिखा मिला, मचा हड़कंप

  • Trending
  • Comments
  • Latest
मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण लॉन्च कर रहा है दो नई आवासीय योजना

मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण लॉन्च कर रहा है दो नई आवासीय योजना

March 6, 2024
वृंदावन में हुए हादसे के लिए मकान मालिक है जिम्मेवार, होगी एफ आई आर ,डीएम ने की जांच समिति गठित

वृंदावन में हुए हादसे के लिए मकान मालिक है जिम्मेवार, होगी एफ आई आर ,डीएम ने की जांच समिति गठित

August 16, 2023
मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण ने लॉन्च की हनुमत विहार आवासीय योजना

मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण ने लॉन्च की हनुमत विहार आवासीय योजना

July 3, 2024
ई- लाटरी से तय होगा वृंदावन में किसे मिलेगा विकास प्राधिकरण का प्लाट, जून में शुरू हो जायेंगे रजिस्ट्रेशन

ई- लाटरी से तय होगा वृंदावन में किसे मिलेगा विकास प्राधिकरण का प्लाट, जून में शुरू हो जायेंगे रजिस्ट्रेशन

May 17, 2024

बच्चे देश – प्रदेश के भविष्य, सभी सरकारी सुविधा उपलब्ध कराये प्रशासन : डा देवेन्द्र

24973

हाइटेंशन लाइन की चपेट में आने से परिक्रमार्थी झुलसे , युवक की मौत आधा दर्जन घायल

14691

अपने फोन में ऐसे बढ़ाएं वाई-फाई की स्पीड

6685

नौहझील : लड़की को बिटौरा में जिन्दा जलाकर मार डालने की चर्चा

6036
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए इंडी गठबंधन ने बी. सुदर्शन रेड्डी को बनाया उम्मीदवार

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए इंडी गठबंधन ने बी. सुदर्शन रेड्डी को बनाया उम्मीदवार

August 19, 2025
बारिश ने थामी मुंबई की रफ्तार, बिना बिजली के रास्ते में रुकी मोनोरेल

बारिश ने थामी मुंबई की रफ्तार, बिना बिजली के रास्ते में रुकी मोनोरेल

August 19, 2025
आसाराम की अंतरिम जमानत फिर बढ़ी

आसाराम की अंतरिम जमानत फिर बढ़ी

August 19, 2025
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पीएम मोदी से की मुलाकात, एससीओ शिखर सम्मेलन का दिया न्योता

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पीएम मोदी से की मुलाकात, एससीओ शिखर सम्मेलन का दिया न्योता

August 19, 2025

Recent News

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए इंडी गठबंधन ने बी. सुदर्शन रेड्डी को बनाया उम्मीदवार

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए इंडी गठबंधन ने बी. सुदर्शन रेड्डी को बनाया उम्मीदवार

August 19, 2025
बारिश ने थामी मुंबई की रफ्तार, बिना बिजली के रास्ते में रुकी मोनोरेल

बारिश ने थामी मुंबई की रफ्तार, बिना बिजली के रास्ते में रुकी मोनोरेल

August 19, 2025
आसाराम की अंतरिम जमानत फिर बढ़ी

आसाराम की अंतरिम जमानत फिर बढ़ी

August 19, 2025
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पीएम मोदी से की मुलाकात, एससीओ शिखर सम्मेलन का दिया न्योता

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पीएम मोदी से की मुलाकात, एससीओ शिखर सम्मेलन का दिया न्योता

August 19, 2025

Rajpath Mathura

Rajpath Mathura

Follow Us

Browse by Category

  • English News
  • Uncategorized
  • अन्तराष्ट्रीय
  • उत्तर प्रदेश
  • खेल
  • टेक्नोलॉजी
  • ट्रेंडिंग न्यूज़
  • ताज़ा ख़बरें
  • धर्म
  • पर्यटन
  • मथुरा
  • मनोरंजन
  • राजनीति
  • राज्य
  • राशिफल
  • राष्ट्रीय
  • लेख/सम सामयिकी
  • स्वास्थ्य
4325361
Views Today : 6051

Contact Info

Address : दैनिक राजपथ, गली शहीद भगत सिंह जनरल गंज
मथुरा -281001( यूपी)

Contact Number : 9412661665, 8445533210

Email : danikrajpath@gmail.com
Pawan_navratan@yahoo.com
drajpathmathura@rediffmail.com

  • About Us
  • Contact Us
  • Disclaimer
  • Home
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • राशिफल

© 2020 Rajpath Mathura | All Rights Reserved

No Result
View All Result
  • ताज़ा ख़बरें
  • ट्रेंडिंग न्यूज़
  • राष्ट्रीय
  • अन्तराष्ट्रीय
  • राज्य
  • उत्तर प्रदेश
  • मथुरा
  • राजनीति
  • खेल
  • मनोरंजन
  • धर्म
  • टेक्नोलॉजी
  • लेख/सम सामयिकी
  • राशिफल
  • English News
  • About Us
  • Contact Us
  • Epaper

© 2020 Rajpath Mathura | All Rights Reserved