चौमुहां। हाइवे किनारे आझई में बीती रात भू-माफियाओं ने 10 बीघा जमीन में खड़े बेर के सैकड़ों हरे पेड़ो को काटकर उनमे आग लगा दी। मंदिर के महंत ने जबरन जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया है। महंत का कहना था कि यह जमीन सीताराम मन्दिर के नाम पर खतौनी में दर्ज है। कुछ लोग जमीन के फर्जी कागजात बनवाकर बेश कीमती जमीन पर कब्जा करना चाहते है जबकि मन्दिर की जमीन को लेकर न्यायालय में दायर वाद अभी विचाराधीन है।
हाइवे किनारे गांव आझई के निकट 10 बीघा खेत मे खड़े बेर के सैकड़ों हरे वृक्षों को बृहस्पतिवार और शुक्रवार की रात्रि में भू-माफियाओं ने काटकर उनमें आग लगा दी। सीताराम मंदिर के महंत रामजी रामभरोसे महराज का कहना था कि सीताराम मंदिर के नाम पर 432 बीघा जमीन थी। इस जमीन पर लाखों फलदार पेड़ों का बाग हुआ करता था जिसे लाखा बाग के नाम से जाना जाता था लेकिन ज्यादातर पेड़ों को काटकर जमीन पर अपना कब्जा जमा रखा है। अब केवल 100 बीघा जमीन बची उसे भी कब्जाना चाहते हैं।
बताया जाता है कि हरिकांतदास पुत्र नारायणदास के नाम से जमीन भू-अभिलेखों में दर्ज है। आरोप लगया कि उक्त जमीन पर कब्जा करने की नीयत से जमीन के फर्जी कागजात तैयार कर जमीन का कुछ हिस्सा को फर्जी तरीके से अपने भाइयों के नाम कर दिया। इन लोगों ने भूमाफियों को जमीन सस्ते दामों में सेल कर दिया है जो अब जमीन पर जबरन कब्जा करना चाहते हैं। पहले भी मंदिर की जमीन पर जबरन कब्जा करने के लिए मंदिर पर रहने वाले साधु संतों को डराकर भगाने के लिए फायरिंग तक की,कई बार साधु संतों के साथ मारपीट भी की गई । इसकी कई बार पुलिस प्रशासन के अलावा आलाधिकारियों से शिकायत की गई लेकिन आज तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई।
प्रभारी वन रेंजर अवधेश कुमार का कहना है कि हरे बेर के वृक्षों को जमीन मालिक मुन्ना पुत्र रघुनाथ ने काटा है। पहले भी पेड़ काटे जा चुके है। 9 मई को थाना जैत पर आरोपियों के खिलाफ तहरीर भी उनके द्वारा दी गई थी लेकिन अभी तक पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की है। आज वह पुनः थाना जैत पर तहरीर देंगे।