गोरखपुर । स्वयंसिद्ध मुहूर्तों से सुसंपन्न अक्षय तृतीया की पावन तिथि पर शुक्रवार प्रातः बेला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक कर भगवान भोलेनाथ से प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। उन्होने सभी नागरिकों को अक्षय तृतीया की हार्दिक बधाई भी दी।
गोरखनाथ मंदिर स्थित पीठाधीश्वर आवास के प्रथम तल पर शक्तिपीठ में योगी ने देवाधिदेव महादेव को विल्व पत्र, कमल पुष्प, दूर्वा, अनेकानेक पूजन सामग्री अर्पित करने कर बाद दूध एवं फलों के रस से रुद्राभिषेक किया। मठ के विद्वत पुरोहितगण ने शुक्ल यजुर्वेद संहिता के रुद्राष्टाध्यायी के महामंत्रों द्वारा रुद्राभिषेक का अनुष्ठान पूर्ण कराया। रुद्राभिषेक के बाद मुख्यमंत्री वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन व आरती की। विधि विधान से पूर्ण हुए अनुष्ठान के उपरांत उन्होंने प्रदेशवासियों के आरोग्यमय, सुखमय, समृद्धमय व शांतिमय जीवन की मंगलकामना की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अक्षय तृतीया पर्व पर सभी नागरिको को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, “ सौभाग्य व समृद्धि के पावन पर्व अक्षय तृतीया की प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। त्रिभुवन स्वामी भगवान श्री विष्णु जी एवं मां लक्ष्मी जी से प्रार्थना है कि सभी का जीवन सुख-शांति, संपन्नता व उत्तम स्वास्थ्य से परिपूर्ण हो।”
अक्षय तृतीया के पावन तिथि को ही भगवान परशुराम का अवतरण भी हुआ था। यह तिथि परशुराम जयंती के रूप में भी मनाई जाती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को भगवान परशुराम जयंती की भी शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक संदेश जारी कर कहा, “ भगवान विष्णु के आवेशावतार, भक्ति, शक्ति एवं विद्वता के शाश्वत प्रतीक, भगवान श्री परशुराम की जयंती पर प्रदेश वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। अपने ज्ञान, शौर्य व तपोबल से न्याय की स्थापना करने वाले भगवान परशुराम को नमन।”
महायोगी गुरु गोरखनाथ का दर्शन पूजन करने आए महाराष्ट्र से आए श्रद्धालुओं के एक बड़े समूह की नजर जैसे ही गोरखनाथ मंदिर परिसर का भ्रमण कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पड़ी तो समूह में शामिल लोग खुशी से झूम उठे। सैकड़ो की संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं ने जय श्रीराम और योगी योगी के जयकारे लगाने शुरू कर दिए। इन श्रद्धालुओं के उत्साह और उल्लास को देखते हुए मुख्यमंत्री उनके पास पहुंचे और अभिवादन कर उनका कुशलक्षेम जाना। उन्होंने मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों को निर्देशित किया कि किसी भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए।