मथुरा । बाढ़ स्टीयरिंग ग्रुप की तैयारियों के संबंध में एक बैठक बुधवार को जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता नहर, उप जिलाधिकारी मांट, महावन, सदर तथा छाता से विगत वर्षो का बाढ़ के दृष्टिगत यमुना के अधिकतम व न्यूनतम जल स्तर का तुलात्मक जानकारी लेते हुए विगत वर्षो में की गयी तैयारियों व प्रभाव क्षेत्र की जानकारी ली। मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीणा ने अधिशासी अभियंता को निर्देश दिए कि बरसात से पहले सभी नालों की साफ सफाई कराना सुनिश्चित करे। जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी के बिना अनुमति के कोई भुगतान न हो पाए ये सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने देवरहा बाबा केशीघाट विश्राम घाट सहित यमुना नदी के किनारों की सुरक्षा से सम्बन्धित विभिन्न बिन्दुओं पर समीक्षा की ।
जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता नहर को निर्देश दिए कि यमुना में बाढ़ की सम्भावना के दृष्टिगत आपस में सभी अधिकारियों से संपर्क करते रहें। उप जिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि बाढ़ व्यवस्था को नियंत्रित रखने में किसी प्रकार की कोई भी कमी नहीं होनी चाहिए। राहत सामग्री आदि व्यवस्थाएं स्थानीय स्तर पर पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। बाढ़ क्षेत्र के आस-पास वाले स्थान को भी चयनित कर लिया जाए। बाढ़ से जुड़े सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित रहे, इसके लिए भी स्थानीय स्तर पर समर सेबल पंप, वॉटर टैंकर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
जहां नाव लगेगी वहां से शहर या गांव में जाने का रास्ता ठीक होना चाहिए। अगर ठीक नहीं है तो ठीक करा दिए जाएं, जिससे आवागमन बाधित न हो। वैकल्पिक व्यवस्था में भवन जनरेटर व सोलर लाइट आदि की व्यवस्था पहले सुनिश्चित करें। नाव संचालकों की एक लिस्ट होनी चाहिए, जिससे आवश्यकता पड़ने पर नाव की व्यवस्था हो सके। बाढ़ नियंत्रण कक्ष गोताखोर भी चिन्हित कर लिए जाए। जिला स्तर पर कन्ट्रोल रूम स्थापित किया जाए।
नहर से कनेक्ट सभी तालाबों को पानी से भरा जाए। तालाब के लिए जाने वाले नालों की साफ सफाई पहले से ही रखी जाए। कृषि विभाग अपने स्तर से कृषि संबंधी सभी कार्य योजना बना लें, जिससे कृषकों को कोई परेशानी न हो सके।
बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व योगानंद पांडेय अधिशासी अभियंता विकास कुमार ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रिंकू सिंह राही सहित सभी उप जिलाधिकारी मौजूद रहे।