गोकुल । भगवान कन्हैया की नगरी गोकुल में भगवान कृष्ण कन्हैया गोपियों के साथ में प्राचीन मुरलीधर घाट पर 26 तारीख को होली खेलेंगे। उ.प्र. ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा होली को भव्य बनाने की तैयारियां जोरो से की जा रही हैं। मंदिर प्रबंधक गिरधारी लाल भाटिया के अनुसार होली के लिए व्यापक इंतजाम किये जा रहे है उधर गोकुल नगर पंचायत के चैयरमेन संजय दीक्षित के नेतत्व में सफाई प्रकाश पेयजल ठीक रखने की योजना बनाई गई है। होली प्रात : दस बजे से शुरू होकर शाम करीब 4 बजे तक होगी। बताया जाता है गोकुल में भगवान कन्हैया बालकिशन रूप में वासुदेव जी लाए थे और भगवान कन्हैया का यहां बाल रूप है इसलिए गोकुल में प्राचीन होली भगवान कन्हैया के साथ में बाल रूप में ही खेली जाती है बरसाने में जहां लट्ठमार होली का आयोजन किया जाता है वही गोकुल में भगवान कन्हैया के छोटे स्वरूप को देखकर बृज की गोपियां भगवान कन्हैया के साथ में छोटी-छोटी छड़ियों से होली खेलती हैं यहां टेसू के फूल से रंग बनाए जाते हैं कम से कम 20 कुंटल गुलाल तथा 5 कुंटल टेसू के फूल का रंग सभी तीर्थ यात्रियों पर बृज की गोप गोपियों पर लुटाया जाता है।
गोकुल की प्राचीन होली जो कि 5000 वर्षों से ज्यादा हो गया तब से भगवान कन्हैया ने यह सबसे पहले मुरली बजाई थी मुरलीधर घाट पर छडीमार होली मनायी जाती है योगी सरकार के द्वारा यहां प्राचीन होली चबूतरे का निर्माण कराया गया है इस होली चबूतरे पर बीते वर्ष भी धूमधाम से होली का आयोजन किया गया था। मुरलीधर घाट भगवान कन्हैया का प्राचीन घाट है यहां सबसे पहले भगवान कन्हैया ने गोपियों के साथ में होली खेली थी मुरलीधर घाट की परंपरा है इसी घाट पर साक्षात भगवान कन्हैया होली के दिन अपनी गोपियों के साथ में होली खेलते हैं गोकुल का नंदकिला मंदिर जिसका प्रबंधन जिला जज के द्वारा चलाया जाता है। नंद किला की होली का आयोजन मुरलीधर घाट पर 26 तारीख को किया जाएगा।