मथुरा। (राजपथ मथुरा ब्यूरो)। मथुरा वृंदावन नगर निगम बोर्ड ने मंगलवार को 587 करोड़ रुपए के बजट को स्वीकृति दे दी है। इसमें 580 करोड़ रुपए के व्यय और 413 करोड़ के सकल प्राप्ति से आय शामिल है। जनरलगंज स्थित नगर निगम बोर्ड की बैठक मंगलवार को दोपहर एक बजे से शुरू हुई। महापौर विनोद अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित बोर्ड की बैठक में नगर आयुक्त शशांक चौधरी के निर्देशन में वित्त अधिकारी ने सबसे पहले वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 के अवशेष समय के लिए पुनरीक्षित बजट प्रस्तुत किया। इसकी आम सहमति के बाद बोर्ड ने आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 का 587 करोड़ का मूल बजट प्रस्तुत किया। इसमें सकल प्राप्ति के रूप में 413 करोड़ सहित 5877413197 करोड़ की कुल आय का ब्योरा दिया गया। इसमें 580 करोड़ का व्यय भी निर्धारित है। बजट में नगर निगम ने सड़क मरम्मत और अनुरक्षण पर 12 करोड़ के खर्च का प्रावधान किया है। इसके अलावा जलापूर्ति पर 9 करोड़, प्रकाश व्यवस्था पर तीन करोड़, नाला सफ ाई पर 1.10 करोड़, सीवरेज पर 2.20 करोड़ का खर्च निर्धारित किया है। इसके साथ ही सफ ाई कार्य के ठेका पर 2.10 करोड़, अधिष्ठान पर 144 करोड़ खर्च होंगे। इसमें कर्मचारियों के वेतन, पेंशन आदि भुगतान शामिल हैं। नगर निगम के वार्षिक बजट में 413 करोड़ की सकल प्राप्ति होनी है। जिसमे राज्य अनुदान से 190 करोड़ मिलेंगे। 15 वे वित्त से 66 करोड़ तथा स्मार्ट सिटी के अंतर्गत 50 करोड़ रुपए नगर निगम को मिलने का प्रावधान है। इसी प्रकार पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर विकास योजना में भी एक करोड़ रुपए मिलेंगे। बैठक में अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सहित निगम के सभी अधिकारी व पार्षद राधाकृष्ण पाठक, राकेश भाटिया, बालकृष्ण चतुर्वेदी, संजय अग्रवाल, राजीव सिंह, राजवीर सिंह, पुनीत बघेल, ब्रजेश खरे, वैभव अग्रवाल,नीलम गोयल, आदि मौजूद रहे।
बोर्ड बैठक के विभिन्न प्रस्तावों पर पार्षद ने जताई आपत्ति
नगर निगम की मंगलवार को संपन्न हुई तृतीय बोर्ड बैठक को लेकर समाजवादी पार्टी के वार्ड 31 से पार्षद और नेता पार्षद दल मुन्ना मलिक ने कई प्रमुख मुद्दों पर आपत्ति दर्ज करायी है। श्री मलिक ने कहा है कि बोर्ड बैठक में उनके वार्ड में सीवर टेक्स- 2021 से 2024 तक लगा हुआ है जबकि उक्त वार्ड में सीवर नहीं है। इसके अलावा पार्षद ने जलकर को लेकर कहा है कि वार्ड के े जिन घरों में जल की बूंद नहीं पहुंच रही है उनसे जबरन टैक्स वसूला जा रहा है। नियमावली के अनुसार जलकर उन क्षेत्रों में लगाया जा सकेगा जहां निगम द्वारा जल की आपूर्ति की जाती हो। वार्ड में इसी तरह के तमाम प्रस्तावों पर आपत्ति दर्ज कराते हुए पार्षद ने प्राथमिकता से इनके निस्तारण की मांग की है।