नई दिल्ली। ऑक्सीजन आपूर्ति और कोरोना रोगियो के उपचार के विषय पर मंगलवार को भी दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। दिल्ली हाईकोर्ट में ऑक्सीजन आपूर्ति को लेकर मंगलवार को भी सुनवाई हुई। इस दौरान ऑक्सीजन की कालाबाजारी को लेकर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई। हाईकोर्ट ने कहा कि लोगों को मजबूर होकर लाखों रुपये में ऑक्सीजन सिलेंडर ब्लैक में खरीदने पड़ रहे हैं, जबकि इनकी कीमत केवल कुछ सौ रुपये हैं। कोर्ट ने ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों को हिरासत में लेने को कहा है।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि अगर दिल्ली सरकार ऑक्सीजन सिलेंडर का प्रबंधन नहीं कर पा रही है हमें बताइए। हम केंद्र सरकार से कहेंगे कि वे इसे टेक ओवर करें। हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार का काम केवल कागजों पर दिखता है।
न्यायालय ने उन पांच ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं को अवमानना नोटिस जारी किया है जो मंगलवार को सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित नहीं रहे। वहीं दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव ने अदालत को सूचित किया कि उन्होंने सभी आपूर्तिकतार्ओं से अनुरोध किया है कि वे दिल्ली में ऑक्सीजन आपूर्ति करने वाले टैंकरों का विवरण दें। इसके बाद ऑक्सीजन का कोटा तीन दिनों के लिए आवंटित किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि कोटा अभी जारी नहीं हुआ है, यह एक आदेश के जरिये जारी किया जाएगा। इसकी जानकारी अदालत के समक्ष रखी जाएगी। यदि अस्पतालों को कोई शिकायत है तो इसके समाधान हेतु प्रावधान किया जाएगा।
दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने अदालत से कहा कि वह अधिकारियों के साथ बात करेंगे और दिल्ली के वेंकटेश्वर अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
न्यायालय ने दिल्ली सरकार को रेमडेसिविर और अन्य दवाओं की आपूर्ति पर सभी अस्पतालों और फार्मेसियों से जानकारी प्राप्त करने का सुझाव दिया है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को लेखा अधिकारियों की नियुक्ति का सुझाव दिया है। अदालत का आदेश तब आया जब दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट द्वारा बताया गया कि वे भी ऑक्सीजन की कमी का सामना कर रहे हैं और संबंधित नोडल अधिकारी असहाय हैं।
दिल्ली में ऑक्सीजन की कालाबाजारी को लेकर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। हाईकोर्ट ने कालाबाजारी करने वालों को हिरासत में लेने को कहा है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि आपके पास कार्रवाई करने की शक्तियां हैं।