नई दिल्ली । पहलवान विनेश फोगाट के पेरिस ओलंपिक में अयोग्य ठहराए जाने के बाद कुश्ती से संन्यास लेने के फैसले पर पूरे खेल समुदाय ने उनका समर्थन किया। इस 29 वर्षीय खिलाड़ी को बुधवार को महिलाओं के 50 किग्रा वर्ग के फाइनल से पहले 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य ठहराया गया था। उन्होंने ‘एक्स’ पर संन्यास की घोषणा की। तोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि विनेश हारी नहीं बल्कि उनको हराया गया है। बजरंग ने पोस्ट किया, ‘‘विनेश आप हारी नहीं (आपको) हराया गया है। हमारे लिए सदैव आप विजेता ही रहोगी। आप भारत की बेटी के साथ साथ भारत का अभिमान भी हो।’’
रियो 2016 में कांस्य पदक जीत कर ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि विनेश के साथ जो कुछ हुआ वह ‘हमारे देश की हर बेटी की हार’है। साक्षी ने कहा, ‘‘विनेश तुम हारने वाली नहीं हो। यह हमारे देश की हर बेटी की हार है जिसके लिए आपने लड़ाई लड़ी। यह पूरे देश की हार है। देश आपके साथ है। एक एथलीट के तौर पर मैं आपके संघर्ष और जुनून को सलाम करती हूं।’’
द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच महावीर फोगाट ने कहा कि उन्होंने यह फैसला जल्दबाजी में लिया होगा और इस पहलवान के करीबी लोग उन्हें 2028 में लॉस एंजिल्स मैं होने वाले ओलंपिक खेलों को लक्ष्य बनाने के लिए प्रेरित करेंगे। महावीर फोगाट ने कहा, ‘‘यह सच है, लोग हिम्मत हार जाते हैं। जब वह आएंगी तो हम (मैं, बजरंग, गीता) सब बैठेंगे और बात करेंगे। हम फैसला लेंगे और बता देंगे। आवेश में आकर लोग ऐसे फैसले ले लेते हैं लेकिन हम इस पर फैसला करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम उसे 2028 ओलंपिक में खेलने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। मैं इनाम की घोषणा करने के लिए हरियाणा सरकार को धन्यवाद देता हूं। जब तक मैं सक्रिय हूं, खिलाड़ियों की मदद करता रहूंगा।’’
पूर्व खेल मंत्री और एथेंस ओलंपिक के रजत पदक विजेता निशानेबाज राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने इस घटना को दुखद और दिल तोड़ने वाला बताया। उन्होंने कहा, ‘‘एक खिलाड़ी के जीवन में वर्षों का संघर्ष, उतार-चढ़ाव होता है, फिर कौशल दिखाने और जीतने के लिए वह महत्वपूर्ण दिन आता है। ऐसे में अगर इस तरह की गलती होती है, तो यह दुखद और दिल तोड़ने वाला है।’’
राठौड़़ ने कहा, लेकिन मैं विनेश से कहना चाहता हूं कि वह युवा है और उसे इस चुनौती का सामना करना चाहिए और बहुत सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ना चाहिए। हम सब उसके साथ हैं। एक चैंपियन वह है जो गिरने के बाद भी खड़ा होता है। राष्ट्रमंडल खेल 2010 की स्वर्ण पदक विजेता गीता फोगाट ने कहा, ‘‘बहन विनेश, आपने देश के लिए जो किया है उसके लिए हम हमेशा आपके ऋणी रहेंगे। आपका जुनून और संघर्ष सदियों तक याद रखा जाएगा। आप सभी लड़कियों के लिए एक आदर्श हैं। आपका इस तरह कुश्ती को अलविदा कहना पूरे परिवार और पूरे देश के लिए बहुत दुखद है।’’