नई दिल्ली । भारतीय हॉकी के ओलंपिक में गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए पूर्व धुरंधर अशोक ध्यानचंद ने कहा कि पेरिस ओलंपिक में कठिन पूल के बावजूद भारत की तैयारी इतनी पुख्ता है कि पदक पक्का लग रहा है। तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर 41 साल का इंतजार खत्म करने वाली भारतीय टीम को पेरिस में पूर्व चैम्पियन अर्जेंटीना, बेल्जियम और आस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीमों के पूल में जगह मिली है।
अशोक कुमार ने पेरिस ओलंपिक और पैरालम्पिक की तैयारियों पर दिल्ली खेल पत्रकार संघ और भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा आयोजित परिचर्चा में कहा, ‘‘मैं टीम से इतना ही कहूंगा कि पूल पर ध्यान नहीं दें और मैच दर मैच प्रदर्शन पर फोकस रखें। प्रो लीग में हमारा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा लेकिन यह टीम उस मुकाम पर है कि अपना दिन होने पर किसी को भी हरा सकती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कई खिलाड़ियों का यह आखिरी ओलंपिक है और पदक जीतने के लिये वे कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। कांस्य को अब स्वर्ण पदक में बदलने की जरूरत है।’’
विश्व कप 1975 में भारत की खिताबी जीत के नायक रहे अशोक कुमार ने कहा, ‘‘मैने 1972 में अपना पहला ओलंपिक खेला तब खेल मंत्रालय नहीं होता था। लेकिन तब हम सुविधाओं के बारे में सोचते ही नहीं थे।बस देश के लिये खेलने और पदक जीतने का जज्बा रहता था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब तो खिलाड़ियों की तैयारियों पर सरकार का पूरा फोकस है और कोई कमी नहीं रखी जा रही। खिलाड़ियों को इस भाव के साथ उतरना चाहिये कि देश ने सब कुछ दिया और अब देने की उनकी बारी है।’’
पैरालम्पिक में दो स्वर्ण पदक जीत चुके भालाफेंक खिलाड़ी और भारतीय पैरालम्पिक समिति के अध्यक्ष देवेंद्र झझाड़िया ने ‘अब की बार 25 पार’ का स्लोगन देते हुए कहा, ‘‘पिछले कुछ समय से भारतीय पैरालम्पिक खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखते हुए मुझे यकीन है कि पेरिस में 25 से ज्यादा पदक मिलेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दस साल में भारतीय खेलों का परिदृश्य पूरी तरह से बदल गया है। मैं 2004 एथेंस ओलंपिक में अपने खर्च पर गया था और विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था। अब तो खिलाड़ी की हर छोटी से छोटी जरूरत का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।’’
एशियाई खेल स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज रंजन सोढी ने खिलाड़ियों को ओलंपिक के अनुभव का पूरा लुत्फ उठाने की सलाह देते हुए कहा, ‘‘दबाव लिये बिना वहां के माहौल का मजा लें। निशानेबाजी में 21 सदस्यीय दल जा रहा है और मुझे पूरा यकीन है कि प्रदर्शन बहुत अच्छा रहेगा।’’
राष्ट्रमंडल खेल स्वर्ण पदक विजेता मुक्केबाज अखिल कुमार ने कहा, ‘‘मैं खिलाड़ियों से इतना ही कहूंगा कि दिल से खेलों और बेखौफ खेलों। ड्रॉ में सामने कौन है, उससे फर्क नहीं पड़ना चाहिये।’’
वहीं एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता तीरंदाज अभिषेक वर्मा ने तीरंदाजी में पदक का खाता खुलने की उम्मीद जताते हुए कहा ,‘‘भारत की छह सदस्यीय टीम तीरंदाजी में उतरेगी और सभी वर्गों में खासकर पुरूष टीम से पदक की उम्मीद रहेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पुरूष टीम ने हाल ही में नंबर एक पर काबिज कोरियाई टीम को 6 . 0 से हराया। वहीं दीपिका कुमारी ने भी वापसी के बाद अच्छा प्रदर्शन किया है। मुझे उम्मीद है कि इस बार तीरंदाजी में पदकों का खाता खुलेगा।’’
खेल मंत्रालय की टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना ( टॉप्स) के सीईओ पी के गर्ग ने ओलंपिक और पैरालम्पिक की तैयारियों के लिये सरकार के प्रयासों का ब्यौरा दिया। वहीं पैरालम्पिक रजत पदक विजेता चक्काफेंक खिलाड़ी योगेश कथुनिया ने कहा कि उन्हें पदक का रंग बदलने का यकीन है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछली बार से बेहतर तैयारी है। तोक्यो मेरा पहला ओलंपिक था तो मैने दबाव ज्यादा ले लिया था। अब खेल मनोवैज्ञानिकों की मदद से मानसिक पहलू पर काफी काम किया है।’’