प्रयाग में धार्मिक जनमैदिनी अनुष्ठान कुंभ के समापन के साथ ही तीन वर्ष बाद महाकाल की नगरी अवंतिका (उज्जैन) में आयोजित होने वाले सिंहस्थ की तैयारियां शुरू कर दी गई है, चूंकि उज्जैन प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री का गृहनगर है और यह धार्मिक आयोजन मौजूदा मुख्यमंत्री के कार्यकाल में ही होना है, इसलिए मुख्यमंत्री मोहन यादव अभी से विशेष रूप से सक्रिय हो गए है, उन्होंने इसके लिए न सिर्फ तैयारियां शुरू कर दी है, बल्कि प्रयाग कुंभ के प्रभारी शासकीय अधिकारियों को उज्जैन बुलवाकर उनसे उचित विचार-विमर्श करने के भी निर्देश दिये है, साथ ही कुंभ जैसी कोई घटना-दुर्घटना न हो, इसकी सतर्कता के भी अभी से निर्देश दे दिए है, सरकार अभी से सिंहस्थ मेला अधिकारी व उनके अमले की तैनाती की भी तैयारी कर रही है, जिससे इस महान धार्मिक आयोजन का सुचारू रूप से संयोजन हो सके। साथ कुंभ में घटित हादसों की सिंहस्थ में पुनर्रावत्ति न हो, इसके भी अभी से विशेष निर्देश दिए गए है।
करीब एक माह तक चलने वाले इस धार्मिक अनुष्ठान के लिए अखिल भारतीय पुजारी महासंघ ने भी सरकार को सुझाव पत्र भेजा है, जिसमें क्षिप्रा तट पर अखाड़ों के स्नान के लिए स्थान निर्धारण तथा वीआईपी प्रवेश पर रोक जैसे सुझाव दिए गए है। सुझाव मेें क्षिप्रा के रामघाट से लेकर मंगलनाथ तक के घाटों का अखाड़ों के स्नान के लिए निर्धारण तथा चारों मठों के शंकराचार्यों को रामघाट पर स्नान कराने की मांग की गई है। राज्य सरकार कुंभ में हुए भगदड़ व उससे हुई मौतों के हादसों के प्रति काफी सतर्क है तथा अभी से क्षिप्रा तटों पर ऐसी तैयारियां शुरू कर दी गई है, उन्हें सर्वसुविधा युक्त बनाने, उनकी पर्याप्त मरम्मत आदि शुरू कर दी गई है, राज्य सरकार अभी से मेला आयोजन उच्च समिति गठित कर मेला अधिकारियों के अमले की तैयारी कर रहा है। इस संदर्भ में लगातार बैठकों का भी आयोजन हो रहा है, राज्य सरकार ने सिंहस्थ के बेहतर आयोजन के लिए विभिन्न वर्गों से सुझाव भी मांगें है। स्वयं मुख्यमंत्री इस दिशा में सक्रिय है।
इसके साथ ही राज्य सरकार ने सिंहस्थ के लिए अभी से बजट निर्धारित करना व उसके माध्यम से आवश्यक निर्माण व मरम्मत के कार्य करवाना भी शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के साथ लम्बा विचार-विमर्श भी किया है, योगी जी ने सिंहस्थ के आयोजन में हर तरह की मदद का आश्वासन भी दिया है। अभी से क्षिप्रा में स्नान के लिए एकांगी यातायात तथा भीड़ नियंत्रण की विशेष व्यवस्था की तैयारियां की गई है, यहां तक कि मेला क्षेत्र व क्षिप्रा तटों पर खड़े रहने व बैठने के भी स्थान अभी से निर्धारित किए जा रहे है।
खासकर भीड़ नियंत्रण प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। घाटों व सड़कों के चौड़ीकरण की विशेष योजनाऐं बनाई गई है। क्षिप्रा में पर्याप्त जल संग्रहित करने के कार्य को प्राथमिकता दी जा रही है। इन सब तैयारियों के साथ राज्य सरकार की उज्जैन में देश की पहली स्थाई कुंभ नगरी बनाने की भी तैयारी है, अभी से सिंहस्थ क्षेत्र की 2378 हेक्टेयर जमीन तय करके उस पर सड़क, उद्यान आदि के निर्माण की तैयारी की गई है। यह जमीन अठारह सौ किसानों से खरीदी जा रही है। इस प्रकार कुल मिलाकर प्रया कुंभ से शिक्षा लेकर मध्यप्रदेश सरकार सिंहस्थ मेले के श्रेष्ठ आयोजन के लिए अभी से सक्रिय हो गई है, जबकि मेले के आयोजन में करीब चालीस महीनें का समय शेष है।