नई दिल्ली । कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने घरों की बढ़ती कीमतों पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अब गरीबों से सपने देखने का अधिकार भी छीन लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगली बार जब कोई आपको सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े बताए तो उन्हें अपने घरेलू बजट की सच्चाई बताएं। अपने व्हाट्सएप चैनल पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार को घेरा।
राहुल गांधी ने दावा किया कि महाराष्ट्र में आय के हिसाब से शीर्ष 5 प्रतिशत शहरी परिवारों को भी मुंबई में घर खरीदने के लिए 100 वर्षों से अधिक तक बचत करनी पड़ेगी। उन्होंने लिखा कि यदि आपको विश्वास नहीं हो रहा है, तो मैं इसे दोहराता हूं कि ‘मुंबई में घर खरीदने के लिए, भारत के सबसे अमीर पांच प्रतिशत लोगों को भी अपनी आय का 30 प्रतिशत 109 वर्षों तक बचाना होगा। उन्होंने कहा कि यही हाल है ज्यादातर बड़े शहरों का, जहां आप अवसरों और सफलता की तलाश में कड़ी मेहनत करते हैं। और इतनी बचत कहां से आएगी? लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि गरीब और मध्यम वर्ग को विरासत में धन नहीं, बल्कि जिम्मेदारियां मिलती हैं। बच्चों की महंगी शिक्षा, महंगे इलाज की चिंता, माता-पिता की जिम्मेदारी या परिवार के लिए एक छोटी कार।
गांधी ने कहा कि अभी भी दिलों में एक सपना है कि ‘एक दिन’ हमारा अपना घर होगा! लेकिन जब वह एक दिन अमीरों के लिए भी 109 साल दूर हो, तो समझ लीजिए कि गरीबों को उनके सपनों के अधिकार से वंचित कर दिया गया है। हर परिवार को आरामदायक चार दीवारें और सिर पर छत की जरूरत होती है, लेकिन दुर्भाग्य से इसकी कीमत आपके पूरे जीवन की कड़ी मेहनत और बचत से भी अधिक होती है। राहुल गांधी ने कहा कि अगली बार जब कोई आपको सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े बताए, तो उन्हें अपने घरेलू बजट के बारे में सच्चाई दिखाएं और पूछें कि यह अर्थव्यवस्था किसके लिए है?