नई दिल्ली । सरकारी तेल विपणन कंपनियों ने बुधवार को लगातार दूसरे दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की है। दरअसल, चार महीने से ज्यादा के अंतराल के बाद मंगलवार को पहली बार इन कीमतों में बदलाव किया गया था।
बिक्री मूल्य में वृद्धि जिसमें राज्य शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और उपकर शामिल हैं, ये कच्चे तेल की कीमतों में रूस-यूक्रेन संकट के कारण वृद्धि होने के कुछ दिनों बाद सामने आए हैं।
नई दिल्ली में पेट्रोल-डीजल के दाम में एक बार फिर 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई।
पंप की कीमतों के मुताबिक, दिल्ली में पेट्रोल अब 97.01 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.27 रुपये प्रति लीटर है।
मंगलवार को पेट्रोल की कीमत 96.21 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 87.47 रुपये प्रति लीटर हो गई थी।
आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल और डीजल के दाम 111.67 रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 95.85 रुपये प्रति लीटर कर दिए गए।
इसके अलावा, दोनों परिवहन ईंधन की कीमतें कोलकाता में बढ़ाई गई। पेट्रोल की कीमत बढ़कर 106.34 रुपये और डीजल की कीमत 91.42 रुपये प्रति लीटर हो गई।
चेन्नई में भी इनकी संख्या बढ़ाई गई। वहां पेट्रोल की कीमत अब 102.91 रुपये और 92.95 रुपये प्रति लीटर है।
नवंबर की शुरूआत से मंगलवार तक ईधन की कीमतें स्थिर रहीं, जब केंद्र ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: 5 रुपये और 10 रुपये प्रति लीटर की कमी की थी।
ओएमसी विभिन्न कारकों के आधार पर परिवहन ईंधन लागत में बदलाव करती है। अंतिम कीमत में उत्पाद शुल्क, मूल्य वर्धित कर और डीलर का कमीशन शामिल है।
व्यापक रूप से यह अपेक्षा की गई कि कच्चे तेल की उच्च लागत के कारण ओएमसी मौजूदा कीमतों में बदलाव करेगी।
हाल ही में कच्चे तेल की कीमतों में तंग आपूर्ति के डर से लगभग 35-40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इसके अलावा, यह आशंका है कि रूस के खिलाफ मौजूदा प्रतिबंध ज्यादा वैश्विक आपूर्ति को कम कर देंगे और विकास को प्रभावित करेंगे।
कच्चे तेल की कीमत सीमा भारत के लिए चिंता का विषय है क्योंकि यह अंतत: पेट्रोल और डीजल की बिक्री कीमतों में 15 से 25 रुपये जोड़ सकती है।
फिलहाल भारत अपनी जरूरत का करीब 85 फीसदी कच्चे तेल का आयात करता है।
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