अमरेली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के अमरेली जिले में लगभग 4900 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का सोमवार को लोकार्पण और शिलायास कर दीपावली एवं गुजराती नूतन वर्ष से पहले राज्य के लोगों को करोड़ों रुपये के विकास कार्यों की सौगात दी। मोदी ने यहां एक सार्वजनिक समारोह में अमरेली और उसके आस पास के लगभग 4,900 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिसमें दुधाला में भारत माता सरोवर के उद्घाटन के साथ विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया गया। यह भारत माता सरोवर राज्य सरकार और निजी क्षेत्र के ढोलकिया फाउंडेशन के सहयोग से विकसित की गयी है। ढोलकिया फाउंडेशन ने एक चेक डैम की क्षमता बढ़ाकर 24.5 करोड़ लीटर की है। अमरेली जिले में जिन विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलायास किया गया, उनमें अमरेली, जामनगर, मोरबी, देवभूमि द्वारका, जूनागढ़, पोरबंदर, कच्छ तथा बोटाद जिलों के लगभग 1600 विकास कार्य शामिल हैं।
गुजरात सरकार एवं धोलकिया फाउंडेशन द्वारा जन-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल अंतर्गत अमरेली जिले में लाठी के दुधाला में हेतनी (हेत की) हवेली के पास 35 करोड़ रुपये की लागत से भारत माता सरोवर का निर्माण किया गया है। वॉटरशेड (जलग्रहण) विभाग के 4.50 करोड़ लीटर जल संग्रहण क्षमता वाले चेकडैम (तटबंध) को धोलकिया फाउंडेशन द्वारा गहरा कराया गया है। इसकी चौड़ाई बढ़ाई गयी है तथा चेकडैम के दोनों ओर से मिट्टी डाल कर उसकी मजबूती बढ़ाई गयी है। इसके फलस्वरूप इस तटबंध की जल संग्रहण क्षमता में 20 करोड़ लीटर की वृद्धि हुई है। इस तटबंध को भारत माता सरोवर नाम दिया गया है और हाल में इस भारत माता सरोवर में 24.50 करोड़ लीटर जल का संग्रह हुआ है। इसके कारण आसपास के खेतों में स्थित बोरवेल एवं कुओं के जल स्तर में वृद्धि हुई है, आसपास गांवों में पानी की सुविधा हुई है और गांव के किसानों को सिंचाई के लिये परोक्ष रूप से इस सरोवर का लाभ मिला है।
श्री मोदी ने आज अमरेली जिले से जलापूर्ति विभाग के 705 करोड़ रुपये के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया। इनमें 112 करोड़ रुपये के कार्यों का शिलायास तथा 644 करोड़ रुपये के कार्यों का लोकार्पण, इन विकास कार्यों में बोटाद जिले के लिये नावडा से चावंड बल्क पाइप लाइन का लोकार्पण तथा भावनगर जिले में पीने के पानी की पसवी समूह ऑगमेंटेशन जलापूर्ति योजना भाग-2 के कार्यों का शिलान्यास शामिल है। नावडा से चावंड बल्क पाइप लाइन प्रोजेक्ट पूरा होने से बोटाद, अमरेली, जूनागढ, राजकोट एवं पोरबंदर जिलों के 1298 गांवों तथा 36 शहरों के लगभग 67 लाख लाभार्थियों को अतिरिक्त 28 करोड़ लीटर जल की आपूर्ति की जा रही है, जबकि भावनगर जिले में पीने के पानी की योजनाओं के अंतर्गत महुवा, तलाजा और पालीताणा तहसीलों के 95 गांवों को शामिल किया गया है, जिनकी जनसंख्या लगभग 2.75 लाख है।
प्रधानमंत्री ने जलापूर्ति विभाग के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमें अमरेली जिले में गागडियो नदी पर 35 करोड़ रुपये की लागत से बने भारत माता सरोवर का लोकार्पण, जलसंचय विभाग अंतर्गत 20 करोड़ रुपये के पिट रिचार्ज, बोरवेल रिचार्ज एवं कुआं रिचार्ज के 1000 कार्यों का शिलान्यास तथा 590 कार्यों का लोकार्पण, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (न्हाई-एनएचएआई) के 2800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले विभिन्न विकास कार्यों लोकार्पण एवं शिलान्यास, रेलवे विभाग अंतर्गत 1094 करोड़ रुपये की लागत वाले भुज- नलिया गेज कन्वर्जन प्रोजेक्ट का लोकार्पण भी शामिल हैं। इन परियोजनाओं से राज्य के अमरेली, जामनगर, मोरबी, देवभूमि द्वारका, जूनागढ़, पोरबंदर, कच्छ और बोटाद जिलों के नागरिकों को लाभ होगा।
इसके अलावा, उन्होंने 2,800 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस परियोजनाओं में एनएच 151, एनएच 151ए और एनएच 51 और जूनागढ़ बाईपास के विभिन्न खंडों को चार लेन बनाने की परियोजना भी शामिल है। इस कार्यक्रम में जामनगर जिले के ध्रोल बाईपास से मोरबी जिले के अमरान तक शेष खंड की चार-लेन परियोजना की आधारशिला भी रखी गयी।
एनएचएआई के लोकार्पित चार विकास कार्यों में 768 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या (एनएच) 151ए पर ध्रोल-भादरा पाटिया अनुभाग (सेक्शन) और भादरा पाटिया-पिपलिया अनुभाग का चार मार्गीकरण, 1025 करोड़ रुपये की लागत से एनएच 151ए पर द्वारका-खंभालिया-देवरिया अनुभाग के 203 किलोमीटर से 176 किलोमीटर एवं 171 किलोमीटर से 125 किलोमीटर के अनुभाग का चार मार्गीकरण, 136 करोड़ रुपए की लागत से एनएच 41 पर माधवपुर-पोरबंदर अनुभाग के 338 किलोमीटर से 379 किलोमीटर का चार मार्गीकरण और 256 करोड़ रुपये की लागत से एनएच 151 पर जेतपुर- सोमनाथ अनुभाग के चार मार्गीकरण पर जूनागढ़ बाईपास आदि कार्यों का निर्माण शामिल हैं। इसके साथ ही 626 करोड़ रुपये की लागत से जामनगर जिले के ध्रोल बाईपास से मोरबी जिले के आमरण तक के अनुभाग के चार मार्गीकरण के कार्य का शिलान्यास भी किया गया।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान अमरेली जिले में जल आपूर्ति विभाग की 700 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसके अलावा वह पर्यटन से संबंधित विकास पहलों की आधारशिला भी रखी, जिसमें पोरबंदर जिले के मोकरसागर में कार्ली रिचार्ज जलाशय को विश्व स्तरीय टिकाऊ इको-पर्यटन गंतव्य में बदलना शामिल है। उन्होंने इस समय लगभग 1,100 करोड़ रुपये की लागत से पूरी हुई भुज-नालिया रेल गेज रूपांतरण परियोजना राष्ट्र को समर्पित की। इस व्यापक परियोजना में 24 प्रमुख पुल, 254 छोटे पुल, तीन रोड ओवरब्रिज और 30 रोड अंडरब्रिज शामिल हैं और यह कच्छ जिले के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।
उन्होंने आज भुज-नलिया गेज कन्वर्जन प्रोजेक्ट देश को समर्पित किया। यह प्रोजेक्ट 1094 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया है। इस सेक्शन में 24 मेजर और 254 माइनॉर ब्रिज, तीन रोड ओवरब्रिज तथा 30 रोड अंडरब्रिज भी शामिल हैं। यह प्रोजेक्ट बहुत ही लाभदायक है, जो राज्य के कच्छ जिले में सामाजिक एवं आर्थिक विकास को गति देगा। इसके साथ ही 200 करोड़ रुपये के पर्यटन संबंधी विकास कार्यों का शिलान्यास हुआ, जिसके अंतर्गत पोरबंदर जिले के मोकरसगार में कर्ली रिचार्ज जलाशय का विश्व स्तरीय सस्टेनेबल इकोटूरिज्म स्पॉट के रूप में विकास किया जायेगा।