मथुरा । ब्रज की प्राचीन पहचान और धार्मिक आस्था से जुड़े कुंडों का जल अब फिर से निर्मल और आचमन योग्य बनाने की दिशा में प्रयास शुरू होने जा रहे हैं। हैदराबाद की प्रतिष्ठित संस्था हार्टफूलनेस ने इस दिशा में कार्य करने की इच्छा जताई है। संस्था के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सभागार में परिषद के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सूरज पटेल के समक्ष जल शोधन और इको रेस्टोरेशन की विस्तृत योजना का प्रजेंटेशन दिया।
इस दौरान संस्था की ओर से बताया गया कि उन्होंने अब तक गुजरात, मध्य प्रदेश, हैदराबाद और बेंगलुरू में नदियों, झीलों और कुंडों के जल को शुद्ध करने, वानिकी बढ़ाने और प्राकृतिक संसाधनों के पुनर्जीवन के कार्य सफलतापूर्वक किए हैं। उन्हीं अनुभवों के आधार पर अब पहली बार उत्तर प्रदेश में इस दिशा में पहल की जा रही है, जिसमें ब्रज को प्राथमिक क्षेत्र के रूप में चुना गया है।
संस्था के अनुसार उनका उद्देश्य न केवल जल को शुद्ध करना है, बल्कि उसके आसपास के पर्यावरण, वृक्षारोपण और पारिस्थितिक संतुलन को भी सुदृढ़ करना है। वे ब्रज में सर्वप्रथम 10 कुंडों को मॉडल प्रोजेक्ट के रूप में लेकर कार्य आरंभ करना चाहते हैं। संस्था का एक अन्य प्रमुख कार्य ध्यान केंद्रों का संचालन और समाज में मानसिक एवं पर्यावरणीय शुद्धता के प्रति जागरूकता फैलाना भी है।
बैठक में मुख्य कार्यपालक अधिकारी सूरज पटेल ने संस्था को विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि तकनीकी पहलुओं की गहराई से जानकारी दी जाए ताकि उस पर विचार करते हुए निर्णय लिया जा सके, जिससे ये कार्य प्रभावी और दीर्घकालिक हो। उन्होंने संस्था से यह भी कहा कि वे बंजर भूमि में पौधरोपण, कुंडों के जल को शोधित करने की तकनीकी प्रक्रिया और नालों के गंदे पानी को नदी में पहुंचने से पूर्व शुद्ध करने की तकनीकी डिटेल भी उपलब्ध कराएं। बैठक में डीएफओ बी.एस. पटेल, मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण के सचिव आशीष सिंह, जिला विकास अधिकारी गरिमा खरे, परिषद के पर्यावरण विशेषज्ञ मुकेश शर्मा और नगर निगम के मुख्य अभियंता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
ब्रज क्षेत्र के पक्षियों का सर्वे करने और भी योजना
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ सूरज पटेल ने बताया कि हार्टफूलनेस संस्था के साथ यह पहली बैठक है। कुछ विचार और तकनीकी पहलुओं का आदान-प्रदान हुआ है। भविष्य में इसे लेकर कुछ बैठकें और होंगी। सहमति बनने के बाद संस्था इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत चयनित कुंडों पर प्रारंभिक सर्वे कार्य शुरू कर सकती है। इससे ब्रज के अनेक ऐतिहासिक कुंडों में स्वच्छता और जल की गुणवत्ता को सुधारा जा सकेगा। इसके साथ ही संस्था ने अपने दिव्य जननी कार्यक्रम के तहत आंगनबाड़ियों में क्षमता संवर्द्धन और वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड के सहयोग से ब्रज क्षेत्र के पक्षियों का सर्वे करने की योजना भी प्रस्तुत की है।
















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