नई दिल्ली । पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान लेप्टोस्पायरोसिस नामक बीमारी से पीड़ित हैं। इसके इलाज के लिए उन्हें मोहाली के फोर्टिस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के निदेशक ने बताया कि सीएम मान को उचित एंटीबायोटिक दी जा रही है। उनकी स्थिति में सुधार हो रही है। सीएम मान को बुखार की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां ब्लड टेस्ट के बाद वह लेप्टोस्पायरोसिस से संक्रमित पाए गए। आइए जानते हैं यह बीमारी कितनी खतरनाक है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
यह बीमारी लेप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया के कारण होती है। इंसानों में यह बैक्टीरिया संक्रमित जानवरों के माध्यम से फैलता है। संक्रमित जानवरों के पेशाब के संपर्क में आई खाने-पीने की चीजें या फिर मिट्टी के नाक, मुंह, आंखों घाव या खरोच वाली त्वचा के संपर्क में आने से इंसान इस बीमारी की चपेट में आ सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार हर साल 10 लाख से अधिक लोग इस बीमारी के चपेट में आते हैं। इस तरह यह बीमारी जानवरों और मनुष्यों के बीच संचारित होती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार लेप्टोस्पायरोसिस से संक्रमित 10 फीसदी लोग अपनी जान गंवा बैठते हैं। समय रहते अगर इस बीमारी की पहचान नहीं होती है तो यह बीमारी गंभीर रूप ले सकती है और जानलेवा हो सकती है। इस बीमारी के शुरुआत में फ्लू जैसे लक्षण नजर आते हैं। शुरुआती स्थिति में बुखार, आंखों में संक्रमण-लालिमा, सिरदर्द, ठंड लगने, मांसपेशियों में दर्द, दस्त जैसी समस्या होती है। कई बार खांसी के साथ खून आना, छाती में दर्द, सांस लेने में तकलीफ भी होने लगता है।
लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमण की स्थिति कुछ मामलों में गंभीर और जानलेवा भी हो सकती है। समय पर इलाज न मिलने या संक्रमण के बहुत ज्यादा बढ़ जाने के कारण सांस लेने में तकलीफ और मेनिन्जाइटिस की दिक्कत होती है। मेनिनजाइटिस की समस्या में मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की रक्षा करने वाली झिल्लियों में सूजन हो जाती है।
यह बीमारी चूंकि बैक्टीरिया के कारण होती है, इसलिए एंटीबायोटिक दवाओं की मदद से आराम पाया जा सकता है। इसके लिए आपको बचाव करना बहुत जरूरी है। इसके लिए सबसे जरूरी है कि दूषित जल के संपर्क में आने से बचें। जानवरों से भी दूरी बनाकर रखें, पीने के लिए साफ और स्वच्छ पानी का इस्तेमाल करें। अगर आपके शरीर में कहीं घाव है तो उस पर बैंडेज लगाएं और उचित देखभाल करें।